गुरुवार, २५ जुलै, २०१३

मालकिन बनी रांड

मालकिन बनी रांड
प्रेषक : शान

हेल्लो दोस्तो...
मेरा नाम शान है. उम्र 24 साल. मे एक अमीर माँ बाप की खूबसूरत चिकने बदन वाली गोरी और सेक्सी फिगर 36 24 38 वाली 19 साल की लड़की जिसे जवानी का गरूर और दौलत का नशा परंतु माँ बाप का डर भी था।
कॉलेज मे लड़को से फ्लर्ट करने की हिम्मत भी नही थी पर इच्छा बहुत थी. लेकिन एक दिन जब मैने मम्मी और पापा की बात रात को चुपके से सुनी तो सारा डर निकल गया. पापा मम्मी को कह रहे थे की आराधना अब जवान हो गयी है इसे ज़रा मॉडर्न कपड़े पहनना सिख़ाओ ये तो चर्च की नोकरानी जैसी रहती है। माँ बोली मे इसे 15 दिन के लिय मुंबई ले जाती हूँ इसके मामा के पास और इसे सब धीरे से सीखा दूंगी पर आप इसे दिखावटी गुस्सा करना तो यह और ज्यादा बोल्ड कपड़े पहनेगी। क्योंकि जवान लड़कियो को मना करना बुरा लगता है।
में खुश हो गयी और अगले ही दिन माँ ने ब्रेकफास्ट की टेबल पर पापा को बोला की हम 15 दिन के लिय मुंबई हो आते हैं. मैने माँ से कहा की छुट्टी में चलेंगे पर माँ ने कहा की गर्मी मे मुंबई मे मज़ा नही आयेगा तो मैं जूठी नाराजी दिखाते हुए तेयार हो गयी। हम अगले दिन की फ्लाइट से मुंबई आ गये। मामी मॉडर्न ख्याल वाली है और मामा की मर्ज़ी से अपने साडी नाभि से तीन इंच नीचे और छोटे छोटे ब्लाउस पहनती है. घर मे नौकरो को भी फ्री शो मिलता रहता था. मैं दोपहर मे सोने का नाटक कर रही थी तब मम्मी ने मामी को आने का मकसद बताया तो मामी बोली की 15 दिन मे इसे मे नंगी घूमाँ दूँगी.. पर तुम बीच मे मत बोलना...यह सुन कर मे बहुत खुश हुई की अब आयेगा जवानी का मज़ा।
शाम को मामी बोली की तुम चलो तुम्हे घूमाँ कर लाते है. और हम लोग बाजार गये. मामी ने एक दम टाइट लो वेस्ट की जीन्स छोटे टॉप,  मिनी स्कर्ट्स,  और ढेर सारे स्टाइलिश कपड़े खरीद कर दिए और मैने ट्राइल रूम मे यह शरारत करी की टॉप और स्कर्ट्स को बड़ा बता कर एक साइज़ और छोटा ले लिया।
मामी ने कहा की जीन्स और टॉप पहनकर चलो तो मेरा रूप उसमे खुल कर उभर आया. लो वेस्ट की टाइट जीन्स मे मेरा पेट दिख रहा था तो बड़े गले का छोटा टॉप जिसमे पीठ नंगी दिख रही थी. हाइ हील की सॅंडल पहनने के बाद तो लगा की मेरी गांड और बोब्स कपड़े फाड़ कर बाहर आ जाएँगे. मामी ने भी मुझे मॉल दिखाने के बहाने पुरे मॉल मे घुमाया और मेरे बदन की खुली नुमाँइश लगाई। लोग और लड़के मूड मूड कर देख रहे थे और मे मन ही मन खुश हो रही थी।
पर मैने मामी को शंका नही हो इसलिए अपनी नाराजगी दिखाई की मामी खूब बदन दिख रहा है तो मामी बोली की भगवान की दे हुई खूबसूरती दिखाने मे बुराई होती तो भगवान खूसूरत ही क्यो बनाता... गाड़ी मे ड्राइवर भी मुझे देख रहा था और मामी भी मंद मंद मुस्कुरा रही थी. घर पर माँ ने भी घुसते हे टोका की यह तुमने क्या पहना है तो मैने मन ही मन बोली की खुद ही तो चाहती है पर कैसा ढोंग करती है. मन ही मन मेने सोचा की अब तो जब जिस्म दिखाने की आजादी मिली है तो देखना मे भी अब सेक्स का खुला मज़ा लूँगी और देखूँगी की मेरे मे भी क्या कितना दम है और कितनो को निपटा सकती हूँ।
शाम को मामा को स्कर्ट टॉप भी पहन कर दिखाया तो मैने तिरछी नज़र से उनके लंड को खड़ा पाया. अगले दिन मामी ने अकेले मे मुझे बोला की छिनाल, स्कर्ट और टॉप 1 नम्बर और छोटा लिया और सयानी बनती है? मे भी समझ गयी की मामी को चूतिया बनाना आसान नहीं तो बोला मामी मेरे दिल की बात आपने समझी पर माँ को मत बताना तो मामी बस मुस्कुरा दी. मामी बोली की मुझे सब समझ आता है अभी तू मेरे सामने बच्ची है पर देखना मे तेरे को मर्द को मुट्ठी मे रखना, फ्लर्ट करना और जिस्म की नुमाँइश करना सब सीखा दूँगी. मर्दो को तो नंगा बदन देखना अच्छा लगता है फिर वो बाप भी क्यों ना हो. हम औरतो को भी इस कमज़ोरी का फायदा उठाना चाहिये. और ऐश करना चाहिये।
मामी आगे बोली की मर्द को भगवान ने चोदने के लिय बनाया और औरत को चुदाने के लिये  तो चाहे एक हो या अनेक क्या फर्क पड़ता है ?  मर्द औरत पर चडेगा,  चूत मे लंड घुसाएगा, 5-7 मिनिट कूदा कादी करेगा,  मूठ मारेगा,  चुचिया दबायेगा, और ठंडा पड़ जायेगा. पर औरात एक बार मे 8 -8 मर्दो की प्यास बुझाने की ताक़त रखती है और इसका जम के फायदा लेना आना चाइये।
मर्द की जगह टाँगो के बीच मे रखो और ज्यादा फ़ायदा लेना हो तो लंड को चूस लो सब सीधे रहेंगे. मे मामी के इस बातो से हैरान थी,  पर चूत की गहरा रहस्य समझ मे आ रहा था. अगले दिन मामी से पूछा ' मामी क्या आप भी? मामी बोली -तेरे मामा से रुपये निकालना हो तो घर मे थोड़े से कपड़े पहन कर जलवा दिखाओ जब नौकर को नंगा बदन दिखता है तो अपने आप बोलते है लो पैसे ले लो पर कपड़े पहन लो. ये मर्द अपनी बीबी को नंगा दूसरो के सामने नही देख सकते पर दूसरे की औरत को नंगा ही चाहते हे...  कल रात ही तुम्हारे बारे मे बोल रहे थे की जब तक यहाँ है तब तक पूरे कपड़े मत पहनने देना. मैने भी ठान ली की वापस भोपाल जाने के पहले 5 - 7 लंड का मज़ा लेकर प्रॅक्टीस करना चाहिये तभी थोड़ी हिम्मत खुलेगी।
और उसी समय घर का नौकर राजू सामने से निकला यह मेरा पहला शिकार होगा. अगले दिन मैने मामी के दर्शन शस्त्र की ट्राइल सूझी. सब लोग बाहर गये,  में घर पर रुकी. नहाने के बाद सफेद छोटी सी स्कर्ट और खुली पीठ वाला ज़रा सा टॉप पहना गोरी बाहें नंगी पीठ नंगी झांगे कपड़े फाड़ कर बाहर आने को बेताब बोब्स और राजू के सामने खूब घूमी।
तीन घंटे मे राजू का लंड फड़फड़ाया तो उसने मुझे किचन मे बाहो मे लेकर चूमा. बोब्स दबाये. चूत पर हाथ दबाया और बोला ' साली कुत्तीया, चार दिन से नंगी घूम रही है... मेरा लंड दुखी हो रहा है.., रात को मेरे कमरे मे नंगी होकर.. कुत्तीया की तरह चार पैरो पर, रेंगते हुए आना और चुदवाना समझी अब तो जब तक यहाँ रहेगी मेरे साथ साथ तुझे माली विजय और चोकीदार बहादुर से भी चुद्वाऊंगा और तेरे मुह मे  गांड मे और चूत मे हमारा मूठ भर देंगे... में बोली राजा खाली बाते करोगे की इस जवान शरीर का मज़ा लोगे मुझे ज़रा अच्छे से मसल मसल कर चोदना और चुदवाना ताकि मुझे भी जवान होने का एहसास हो जाये... राजू हैरान था की वो शिकारी था या शिकार।
शाम होने आई थी. दिन मे चार बार राजू मेरी चुचियो को दबा चुका था और रात की बात याद दिलाई। मैने भी रेस्पॉंस हंस कर दिया और कहा अभी 10 दिन यहा हूँ देखे तुम थकते हो या मुझे थकाते हो.. शाम को मामी घर आई और मुझे फिर सुबह वाली ड्रेस मे आधा नंगा देखा तो बोली 'अब तो थोड़ी समझदार लगती है ' तेरी माँ रात को लेट आएगी पर अपने को डिस्को मे जाना है और तुझे कुछ और बताना है.. हम बालकनी में आकर बैठे और मामी ने राजू को चाय  को कहा और खुद कपड़े बदलने गयी।
जब राजू चाय लाया तब तक मामी भी एक बहुत ही सेक्सी काली मिनी ड्रेस जिसमे उनकी नंगी टाँगे नंगी पीठ दिख रही थी. ड्रेस बहुत ही छोटी थी और उनकी चूत से बमुश्किल दो इंच नीचे तक थी। राजू ने आह भरी तो मामी ने आँख मारी और बोली क्यो रे दो दो नंगी जिस्म देख कर कुलबुला रहा है? मैं मामी को ऐसा बोलते और उसकी ड्रेस देखकर चकरा गयी. राजू ने बोला मालकिन आप छोटी मालकिन को भी ऐसी ही ड्रेस दिलवा दे. मामी ने कहा चल तो अभी जा और अराधना को दो एक दिन बाद मुंबई घुमा लाना तब जो तेरी पसंद की ड्रेस पहन लेगी और सुन इसे बाहर ऐसे छोटे कपड़े मे निकलने से डर लगता है तो तू इसे भीड़ वाली जगहो पर ले जाना जब ढेर सारी आँखे इसके नंगे जिस्म को देखेंगे तो डर निकल जाएगा और कोई यदि इसके बोब्स को दबा दे या गांड पर हाथ फेरे तो करने देना उसका हाथ मत रोकना पर इसे संभालना ये कही उसे थप्पड़ ना मार दे. मेने कहा की मामी आप ये क्या कह रही हो?
मामी बोली की तू अब बड़ी हो गयी है ज़रा मर्दो को चूतिया बनाना सीख आज देख में तुझे डिस्को मे अपना जलवा बताती हूँ देखना मुझे कम से कम 15 - 20 मर्द दबाएँगे और जो बोलो वो गिफ्ट दिलवाएँगे। तुम खाली साथ देना। मामी आगे बोली तेरे मामा को भी सूब मालूम है और ये नौकर भी सब जानता है.. मैं इसके लंड को दो चार दिन मे चूस लेती हूँ और महीने मे दो चार बार मरवा भी लेती हूँ.. अब तुझे भी इसका अनुभव दिलवाऊंगी मैने मामी को सुबह वाली बात बताई तो वो बोली चली जाना उसके कमरे मे पर सुबह जल्दी अपने कमरे मे आना मामा को अभी नही बताएँगे.. मामी ने राजू को आवाज़ दी और बोली क्यों शाणे हाथ डाल दिया अराधना पर ठीक है हम डिस्को से जल्दी आ जाएँगे साहब को दूध मे नींद की दवा मिला देना और देखना आज इसे पूरी रात मत चोदना खाली मुँह को चोदना और एक ही बार चूत मे चोदना अभी इसे बहुत कुछ सीखना है..
राजू बोला इतने से मेरा क्या दिल भरेगा? मैं तो इससे कुत्तिया बनाकर सारी रात चोदने का प्लान बनाया था! मामी बोली नहीं तू आज रुक जो इसने प्रॉमिस किया है वो चुदाने आ जाएगी और तू इससे निपटा कर मुझे बुला लेना मैं आ जाऊँगी और तेरे को संतुष्ट कर दूंगी... राजू बोला ठीक है पर ऐसा ना हो की ये कल वापस चली जाए और हमारा प्लान रह जाए.. और आप भी आज तो गांड मरवा लेना मुझसे एक बार भी नही मरवाई।
मामी बोली वो देख लेंगे पर यह मेरा प्रॉमिस की इसे कल्लू के साथ एक रात बिताए बगैर नही भेजेगे... और उसके पहले इससे बहुत कुछ सीखना है औरत होने का मतलब समझाना है और वो तो तुम लोग ही सिख़ाओगे लेकिन! राजू बोला कल्लू तो बहुत डोमिनेंट है यह झेल पाएगी?  वोही तो समझना है मामी बोली आप जानो पर कल्लू तो इससे वहाँ बुलाएगा यहाँ थोड़ी आएगा!! देख चुदवाने का आनंद और औरत को क्या क्या करना पड़ता है इसके लिए तो जाना ही पड़ेगा और फिर तुम सभी लोग इसको तेयार करोगे तो कल्लू को फ्रेश माल थोड़ी देंगे!!! मुझे कुछ समझ नही रहा में बोली अराधना ज्यादा अक्ल मत लगा चल तेयार हो जा वो छोटी सी स्कर्ट पहन ले और ट्यूब टॉप पहन ले... यह ध्यान रखना की ट्यूब टॉप के नीचे ब्रा नही पहनते और पेंटी मत पहनना डिस्को मे जब कोई स्कर्ट मे हाथ डाले तो तेरी नंगी चूत मिले! समज गयी... चल आज से तेरी ट्रैनिंग चालू... हा पर ये कल्लू कौन है यह तो बता दो...वो सब कल। चल राजू को तेयार होकर बता देना चुचिया दबवाले और उसके लंड पर अब एक बार हाथ फेर देना उसे अच्छा लगेगा..
मैं तेयार होकर आई ज़रा सी स्कर्ट और छोटा सा टॉप!!! मामी कहा ये स्कर्ट थोड़ी सी बड़ी है जा मेरी अलमारी से मेरी पहनले उसमे तेरा पेट नाभि से चार इंच नीचे तक दिखेगा और तूने यदि उपर करी तो गांड दिखेगी मामी यह तो ज्यादा हो जाएगा चल कुत्तियो को तो नंगा ही रहना पड़ता है और तू तो दो कपड़े पहनेगी मैने तो सिर्फ़ यह छोटी सी ड्रेस पहनी है.. मैने भी तुरंत स्कर्ट बदली 6इंच उँची सेंडल पहनी और राजू के लंड को दबाया उपर से चूमा और जब नीचे कार के वहाँ आई तो सब की आँखे फटी रह गयी।
इसके बाद की कहानी अगले भाग में..

धन्यवाद । । 

बुआ को चोदा नींद में

बुआ को चोदा नींद में
प्रेषक : इमरान

मेरा नाम इमरान है. में 24 साल का हूँ.  मे जयपुर में रहता हूँ. मेरा लंड 8 '' लंबा है. मे आज आप लोगों को एक मस्त स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. हालाँकि में इस में बहुत सारी कहानी पढ चुका हूँ मगर आज सोचा की एक अपनी भी स्टोरी लिख दूं. ताकि आप लोग भी मेरी इस कहानी से अपने लंड को खड़ा कर के मूठ मार सकें और मेरे चूत वालियों अपने चूत में उंगली कर के मज़ा लें।
अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. उस वक़्त मेरी उम्र 18 साल थी. उस वक़्त आप जानते होंगे की जवानी की कितनी उमंगे होती है,,, और चोदने को बहुत दिल करता है।  बस वैसा ही हाल मेरा भी था। दिन रात बस चोदने की ही सोचता था. मगर एक दिन मोका मिल ही गया हुआ यह की मेरे घर में मेरी बहन जो की 15 साल की थी उसका नाम गुलनाज़ है उसके फिगर एक दम मस्त थे. उसके बोब्स अभी से ही एक दम बड़े थे. और गांड एक दम मस्त। मेरे घर में मम्मी और पापा थे.
एक दिन मेरे मम्मी पापा बाहर गये थे उन्होने मेरी बुआ को हमारे घर पर रहने के लिए छोड़ दिया था. बस हम तीन लोग ही थे. मेरा मन एक दम चोदने जेसा हो गया था. सोचा अच्छा मौका है आज तो किसी को चोदना ही होगा। मेरी बुआ 29 साल की है और उसके बोब्स एक दम मस्त है वो रात को पापा के कमरे में सोने चली गयी. में भी एक दम से गर्म था की आज तो किसी को चोद ही दूँगा. मेरी छोटी बहन ने बोला की मेरे सिर में दर्द हो रहा है कोई टॅबलेट है तो देना मुझे. इतने में मेरी बुआ ने भी कहा की वो भी आज थक गई हैं उसे भी एक टॅबलेट देना. में मेडेसीन बॉक्स खोला. तो मेरे मन में एक शरारत सूझी. मुझे नींद की गोली (स्लीपिंग पिल्स ) मिल गई मैने दो गोली बुआ को और बहन को दे दी।
दोनो ने मेरे सामने टॅबलेट खा ली और सोने के लिए चले गये. मैने सोचा आज तो अच्छे से चोदुगा है अच्छा मौका भी है. में प्लान बनाने लगा की अपने बहन को चोदुंगा. मैं भी अपने कमरे में चला गया और अपने लंड को खड़ा कर के उसे तेयार करने लगा। रात को 12 बज चुके थे. और अब मेरे से बर्दास्त नही हो रहा था. सोच रहा था की आज एक मस्त चूत सील तोड़ने  को मिलेगी खैर में अपने कमरे से निकला. मेने बरमुंडा और बनियान पहन रखी थी। 
उसी में मेरा लंड एक दम 90 ' खड़ा था. में अपनी छोटी बहन के कमरे के पास गया और गेट  खोलने की कोशिश की मगर सारा प्लान चौपट हो गया गेट तो अंदर से लॉक था. काफ़ी कोशिश किया मगर गेट नही खुला. विंडो से देखा तो मेरी बहन नाईटी में सोई हुई थी और उसका ग्राउन पेट तक उपर था. और वो पैंटी नही पहनी थी दूर से ही उसकी चूत एक दम ही मस्त लग रही  थी नाइट बल्ब की रोशनी में मगर मेरा प्लान कामयाब नही हो सका। तो में मायूस होकर के अपने कमरे में चला आया उसके बाद में अपने लंड को शांत करने की कोशिश करने लगा। उस वक़्त 3 बज चुके थे और मेरा लंड था की शांत नही हो रहा था. तब मेने सोचा क्यूँ न आज  अपनी बुआ को चोदा जाये... आख़िर वो भी एक दम मस्त माल है। में अपने कमरे मैं से निकला और पापा के रूम कि तरफ गया। मेने देखा की उनका रूम खुला था मुझे तो बस पर ही निकल गये मज़ा आ गया....सोचा अब इसको चोद कर लंड शांत हो जायेगा।
मे दबे पाँव उनके कमरे में घुसा तो देखा की वो बे सुध थी। और उनका नाईटी जाँघ तक था. वाह क्या जांग है एक दम गोरी. में बेड पर चला गया। हालाँकि मैंने उन्हें दो गोली दी थी इस लिए वो एक दम बेहोशी में लग रही थी फिर भी में कोई रिस्क नही लेना चाहता था में उनके बगल में लेट गया और उनके बोब्स पर हाथ रख दिया. और दबाने लगा मगर कोई हरकत नही हुई. तो मैं कन्फर्म हो गया की गोली ने पूरा असर किया है और वो पूरी नींद में है।
फिर मेने अपना बरमुंडा खोल दिया और लंड को आज़ाद कर दिया. फिर मैने नाईटी को उपर किया तो देखा की उसने ब्रा और पैंटी पहन रखी थी. फिर मेने उनकी पैंटी को खोल दिया क्या चूत है मेने अपने आखों से पहली बार इतनी नज़दीक से चूत को देखा था. और मेने ब्रा को भी खोल दिया. उनकी बोब्स का साइज़ 36 था एक दम गोल और मस्त मे पहले उसकी बूब्स का निप्पल को पीने लगा। आधे घंटे तक उसे पिया फिर मेने उसकी चूत में उंगली घुसा दी एक दम मज़ा आ गया मैने मेरे बुआ की शादी हो चुकी थी और उनके पति मर्चेंट नेवी में थे और एक साल में 9 महिने बाहर ही रहते हे। मेरी बुआ की 2 बेटी हैं और एक बेटा है दो नो मस्त हैं. तो मेंने उंगली उनके चूत के अंदर बाहर कर रहा था तो तभी उनके चूत से गाडा पानी आने लगा में समझ गया की बुआ झर गयी हैं। और फिर मेने अपने मुह से उनका सारा पानी पी गया और उनके चूत को चाटने लगा जीभ अंदर डालने लगा वाह एक दम मज़ा आ गया एक दम  नमकीन था।
मुझे एक दम नशा छा गया था अब मेरा लंड बर्दाश्त के बाहर हो गया था फिर मेने उनकी टाँगों को फेला दी ओर मैने अपना लंड लेकर उनकी चूत के मुँह पर लगाया और एक शॉट मारा चूत में आधा अंदर गया फिर बाहर निकाल कर एक जोरदार शॉट लगाया सारा लंड अंदर चला गया इस बार बुआ को कुछ अहसास हुआ.. वो अपना बदन को थोडा हिलाया और फिर सो गई। मैने फिर लगातार शॉट देने लगा और उनका चूत भी टाइट थी और मूज़े मज़ा आ रहा था। आधे घंटे तक मैने उन्हें चोदा उस दौरान मैने उनके बोब्स के रस को पीया और उनके होंठो पर किस भी की।
फिर मैने पानी को बुआ के पेट पर निकाल दिया वो अब थोड़ी सी नींद से बाहर आ रही थी. फिर मेने टावल से माल सॉफ किया और अपने लंड को साफ़ किया. फिर में बाथरूम गया और लंड सॉफ किया और बुआ के बगल में आ कर लेट गया। मेरे आखों से नींद गायब थी मगर मेरा लंड अभी तक शांत नही हुआ था क्यूंकी मेने अपने लंड को अपनी बहन के लिए तेयार  किया था मगर नई चूत नही मिली।
फिर मेने अपने लंड को खड़ा किया और उसके चूत के पास ले गया और फिर से चोदने लगा और चोदने लगा आधे घंटे तक चोदने के बाद में उनका बोब्स को दबाने लगा और पीने लगा और वक़्त सुबह के 6 बज चुके थे।
मुझे टाइम का अंदाज़ा नही था में फिर उसे चोदने लगा. बेड के सामने एक शीसा था तो मैने देखा की मेरी छोटी बहन गेट की साइड में खड़ी थी और मुझे चोदते हुए देख रही थी मेने सोचा की आज इसे चुदाई दिखा देता हूँ बाद में प्रोब्लम नही होगी में बुआ को चोदता रहा बुआ अब नींद से बाहर आ रही थी तो मैं रिस्क नही लेना चाहता था उसे अहसास हो रहा था की कोई उनके उपर है चोदते चोदते में उनके चूत में ही माल निकाल दिया और टावल से अपने लंड  बुआ की चूत को सॉफ किया। और उनको पैंटी और ब्रा पहना के नाईटी को नीचे कर दिया मैने देखा की मेरी बहन वहाँ नही थी मैं बाथरूम गया और लंड को सॉफ किया और देखा की मेरी बहन अपने कमरे में थी और अपने चूत में उंगली कर रही थी में समझ गया की उसके भी चूत  में आग लगी हुई है। में समझ गया की लाइन क्लियर है. मगर में अभी नही चोदना चाहता था सो में सोने के लिए चला 10 बजे मेरी बहन ने मुझे उठाया की उठ कर नाश्ता कर लो फिर बुआ के कमरे में गई और उसे उठाया कहा की 10 बज गये हैं।
तो वो उठ गई और कहने लगी की इतनी देर तक सोई थी और मेरा बदन भी फटा जा रहा है तो मेरी बहन ने कहा की क्या बात है बुआ रात को ज़्यादा जागी थी क्या. बोली नही बेटी.. में उनके कमरे में गया और देखा की वो अपना चूत को खुज़ला रही थी और गर्म हो गई थी। फिर वो उठी और बाथरूम चली गई और हमने नाश्ता किया।
अब दोस्तों में अपनी अगली कहानी में बताऊँगा की कैसे मेने अपनी बहन को चोदा और अपनी बुआ को चोदा बिना टॅबलेट के।
धन्यवाद । ।

चूत की बरसात पार्ट 3

चूत की बरसात पार्ट 3
प्रेषक : गोरव

हेलो प्यारे दोस्तो ओर प्यारी चूत वाली आंटियो ओर लडकियों सब को मेरा सलाम. अब मे आप लोगों को असली मज़े की कहानी जो सुनाऊंगा वो मेरी स्टोरी के तीसरे पार्ट की सब से मज़े की हे जो की मेरी ओर आंटी रुबीना की हे अब तक मे 2 चूत को मार मार कर शान्त कर चुका था जो की शायद अब दुसरे रूम मे जा कर आराम से अपनी अपनी चूत की आग ठंडी करके सो रही होंगी खेर अब मे आता हूँ अपनी ओर आंटी रुबीना की कहानी की तरफ. तो दोस्तो हुआ यूँ की अब क्योकी यह तीसरा टाइम था 1 ही रात मे 3 चूत मारना कोई आसान काम तो नही हे ना खेर मे लेट कर आंटी रुबीना की चूत के साथ खेल रहा था. ओर साथ साथ उसके बोबो को भी कभी कभी चूस लेता अब तक वो शायद मेरे साथ 3 बार झड़ चुकी थी ओर आंटी रुबीना  भी मेरे लंड के साथ 30 मिनिट से खेल रही थी. अब मे भी कुछ गर्मी महसूस कर रहा था सेक्स की जिसकी वजह से दोबारा मेरा लंड खड़ा होना शुरु हो चुका था आंटी कभी कभी मेरे लंड के साथ लंड के बॉल भी मुँह मे डाल कर थूक लगा लगा कर गीले कर रही थी ओर उधर मे भी  पागल हो रहा था इसलिये मे साथ साथ उसकी चूत मे उंगली डाल के तेज तेज अन्दर बाहर  कर रहा था ओर जिसकी वजह से अब उसकी चूत गर्म हो कर लाल होना शुरु हो चुकी थी. ओर कुछ कुछ गीली भी. 

आंटी मेरा लंड पागलों के जेसे चूस रही थी। ओर सच पूछो तो आंटी रुबीना ने मूझे सही तरह जोश दिला था अब तक. ओर मेंरी हालत यह हो चुकी थी की मे भी पागलों के जेसे उस के साथ 69 की पोज़िशन मे हो कर उसकी चूत चुसने लगा ओर वो मेरा लंड हम दोनो को दुसरे रूम से नसरीन ओर शाज़िया इस हालत मे खिड़की से देख रही थी हमे तब पता चला जब उन्होने हमे आवाज़ दी की ओय पागलो कहीं तुम उसकी चूत ओर वो तुम्हारा लंड ही ना खा जाना जीतने तुम पागल होये हो सेक्स मे हाहहहहा. खेर इतने मे आंटी रुबीना की चूत से तेज धार पानी की निकाल गई जो की मेरे मुँह मे जा कर गीरी ओर मे वो पानी पी गया खेर कुछ देर बाद आंटी ने मूझे कहा की बस करो प्लीज अब मारो चूत मेरे से ओर नही रहा जाता. मैने आंटी को बेड से उठने को कहा हम दोनो खड़े हो गये ओर मैने आंटी से कहा की टेबल पर जा कर बेठो आंटी ने वेसा ही किया ओर टेबल पर बेठ गई मेने आंटी के करीब जा कर आंटी की टाँगें उपर उठा कर अपने कन्धों पर रख ली ओर खुद मे ज़मीन पर खड़ा था ओर आंटी की चूत बिल्कुल मेरे लंड के सामने थी आंटी की चूत मेरे लंड से टच होती तो आंटी ओर पागल हो जाती मैने लंड को चूत के छेद पर सेट किया ओर आंटी को कन्धों से पकड कर अपनी तरफ खींचा ओर खुद भी झटका दे कर लंड को अंदर किया जिससे एक ही झटके मे चूत को चीरता हुआ मेरा लंड अंदर घुस गया आंटी एक दम से हिली शायद दर्द की वजह से आंटी रुबीना की चूत की गर्मी मूझे सच मे महसुस हो रही थी मुझे महसुस हो रहा था की सच मे चूत की गर्मी कितनी होती हे. 

मे अभी आंटी रुबीना की चूत मार ही रहा था की पीछे से शाज़िया ओर नसरीन दोनो रूम मे आ गईं ओर उन्होने कपड़े उतार दिये ओर मेरे पीछे से आ कर एक ने मूझे अपनी बाहों में भर  लिया ओर दुसरी नीचे झुक कर मेरे लंड के बॉल को चुसने लगी ओर मे साथ साथ आंटी रुबीना  की चूत का गुलाम बन कर उसकी सेवा कर रहा था. नसरीन जो की नीचे बेठ कर मेरे बॉल चूस रही थी वो कभी कभी मेरा लंड हाथ से चूत से बाहर निकाल कर अपने मुँह मे डाल कर चुसती ओर फिर रुबीना आंटी की चूत मे अपने हाथ से डाल देती इस टाइम हम सब पागलों की तरह कमरे मे आवाज़े निकाल रहे थे लेकिन जो हालत आंटी  रुबीना की थी वो पूछो मत उसकी चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी की मेरा लंड पूरा गीला हो गया था. ओर अब तक वो पानी छोड़ छोड़ कर खुद भी कमजोरी महसुस कर रही थी. खेर 10 मिनिट ऐसे ही चूत मारने के बाद भी मेरा वीर्य निकलने का नाम नही ले रहा था क्योकी तीसरा टाइम था इसलिये टाइम ज्यादा लगता हे वीर्य निकलने मे. खेर इतने मे रुबीना आंटी ने कहा प्लीज 5 मिनिट रुक जाओ थोड़ा सब्र करके फिर मार लेना चूत मूझे जलन हो रही हे ओर मेने आंटी को छोड़ दिया वो जा कर बेड पर उल्टी लेट गई इतने मे शाज़िया ओर नसरीन दोबारा मेरे साथ चिपक गई.

मैने शाज़िया से कहा की अगर तुम्हारी इच्छा हे तो बताओ मे गांड मारुगा वरना नही. इस पर वो मान गई ओर मेने उसको पकड़ कर उल्टा करके नीचे से रुबीना की चूत के पानी से भरा हुआ लंड सीधा शाज़िया की गांड मे डाल दिया वो एक दम चीख मारती मारती रुक गई ओर नसरीन आगे से आ कर उसके बोबे दबाने लगी ओर शाज़िया साथ साथ उसकी चूत को सहलाने लगी खेर 5 मिनिट के बाद रुबीना ने मुड़ कर देखा ओर कहा की इंसानो की तरह अपने रूम मे जाओ तुम दोनो बस अब यह बारी मेरी थी तुम दोनो क्यो आ गई हो. मैने जब देखा की रुबीना  आंटी नाराज़ हो रही ही तो मैने उन्हे छोड़ कर कहा की जाओ तुम दोनो बस अब. इतने मे दोबारा मे आंटी के पास जा कर लेट गया. अब तक आंटी कुछ ठीक हो चुकी थी मैने आंटी से पूछा की क्या हुआ तो उसने बताया की उसे बेबी ट्यूब तक जलन हो रही ही अभी भी शायद पानी ज्यादा निकलने की वजह से खेर. मैने पूछा तो अब क्या मूड हे उसने कहा की मूड क्या होना हे मज़ा दो मूझे बस जो दिल चाहे करो मैने सुनते ही उससे कहा की अब तुम मेरी गोद मे आ कर बेठो मेरी तरफ मुँह करके नीचे से लंड डलवा कर चूत मे आंटी ने वेसा ही किया ओर अब मे उसकी चूत मे लंड डाल कर साथ साथ उसके बोबे मसल कर चूस रहा था ओर साथ साथ उसकी गांड को नीचे से उठा उठा कर चूत मे लंड डाल रहा था. 

यह सिलसिला 5 से 7 मिनिट चला अब फिर आंटी पानी छोड़ चुकी थी ओर कुछ कुछ मे भी अब वीर्य छोड़ने के करीब था. खेर मेने अपना स्टाइल बदल दिया ओर लंड चूत मे डालते हुये ही आंटी को उल्टा कर उसकी टांगे अपनी कमर से जकड़ा दी ओर अब मेरी रफ़्तार ओर भी तेज  हो चुकी थी। कमरे में पचक पचक पूच पूच की आवाज़ें आ रही थी ओर साथ मे हम दोनो की सेक्स की आवाज़ें मुँह से निकल रही थी. रुबीना इतनी गर्म हो चुकी थी की अब तक मेरी कमर पर उसने अपने नाख़ून मार मार कर कितने जख्म कर दिये थे लेकिन उस टाइम मूझे भी महसुस नही हो रहा था ओर मे भी उसकी चूत पागलों की तरह मारे जा रहा था मैने रुबीना के बोबो को काट काट कर लाल कर दिया था ओर दाये बोबे पर काटने से जख्म भी आ चुका था लेकिन उसे भी उस टाइम दर्द महसुस नही हो रहा था शायद सेक्स की वजह से. खेर रुबीना के कान मे मैने पूछा की वीर्य निकालने का दिल करता हे चूत मे निकाल दूँ उसने मना कर दिया लेकिन मेरे प्यार से कहने पर वो मान गई ओर कहा की अगर गर्भवती होने का चान्स हुआ तो...... मैने कहा की लेडी डॉक्टर कोन सी खत्म हो चुकी हैं दुनिया मे। करवा लें ना कुछ ना कुछ। खेर इतने मे साथ साथ चूत मे पहले तो मेरे लंड ने पानी छोड़ा ओर मे समझ गया की मे बस झड़ने वाला हूँ इस लिये मे ओर तेज झटके मारने लगा ओर साथ ही 10 सेकेंड तक मैने इतनी तेज वीर्य की धार चूत मे छोड़ दी जिससे रुबीना ने मूझे ज़ोर से अपने हाथ गले में डाल कर चिपका कर अपनी बाहो मे दबा लिया ओर मूझे किस करने लगी ओर साथ साथ नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूत के साथ दबाने लगी मे भी आराम से उसके उपर लेटा रहा जब तक वो खुद ढीली ना पड़ गई.

अभी भी मेरा लंड उसकी चूत मे ही था जो की आहिस्ता आहिस्ता ढीला होने की वजह से खुद बाहर निकल आया था. इस टाइम सुबह के 5 बज रहे थे. तब मैने आंटी से कहा की अब मूझे जाना चाहिये यह सुन कर उसने मूझे आज पहली बार कहा की आइ लव यू प्लीज़ कल फिर आ जाओ ना मे कल भी अकेली हूँ ओर कल सिर्फ़ मे होंगी ओर पूरी रात बस तुम मूझ से प्यार करना मैने उसकी आँखो मे अजीब सा प्यार देखा ओर मूझे उस पर बहुत प्यार आया जिससे मैने एकदम उसे अपनी बाँहो मे ले लिया ओर लंबी किस की ओर कहा की आइ लव यू टू जान आऊँगा जब भी तुम बुलाओंगी मे आ जाऊँगा. यह सुन कर वो खुश हो गयी ओर मेरी शर्ट अपने हाथ से मूझे पहनाई ओर फिर मेने अपने कपड़े पहने ओर अब उसे अपने हाथो से ब्रा पहनाई ओर शलवार ओर कमीज़ भी फिर वो बाहर दरवाजे तक मेरे साथ आई ओर उसने देखा की बाहर गली मे कोई हे तो नही ना ओर तब मे बड़े आराम से बाहर निकल कर अपने घर मे घुस गया ड्रॉयिग रूम के दरवाजे से. खेर पूरी रात सच मे मैने इतना इन्जॉय किया जिसका अंदाज़ा आप लगा चुके होंगे. 

अगले दिन मे दोबारा आंटी के घर किसी बहाने से गया तो देखा की आंटी मेरी चाची के पास बेठी थी ओर बातें कर रही थी ओर मैने बड़े अंदाज़ मे कहा की आंटी क्या बात हे लगता हे आप की तबियत ठीक नही हे आँखे भी लाल हैं आंटी ने मेरी तरफ देखते हुये कहा हाँ वो रात को तबियत ठीक नही थी जिस वजह से सारी रात सो नही सकी आँखें भी लाल हैं. ओर मे साइड की तरफ मुँह करके हंस दिया की आंटी रुबीना केसे बात बदल रही हैं मेरी चाची के सामने अहहहाहहः. खेर उस शाम दोबारा आंटी ने मूझे 7:30 बजे कॉल करके कहा की आज रात दोबारा आ जाना 12 बजे तक ओर मैने हाँ कर दी .......... ओके दोस्तो केसी लगी मेरी स्टोरी प्लीज़ रिप्लाई जरुर करना.


धन्यवाद 

उसकी बीवी और मेरी रखेल

उसकी बीवी और मेरी रखेल
प्रेषक : राहुल खन्ना

हेलो सभी कहानी पढ़ने वाले दोस्तों को. मेरा नाम राहुल खन्ना है. मेरी उम्र 25 वर्ष हैं. में एक हँसी मजाक करने वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का (स्मार्ट बॉय) हूँ. मेरा कद  5’6” इंच हैं. मेरा कलर एकदम साफ है. और मै बुद्धिमता से परिपूर्ण हूँ. इस स्वभाव को देख कोई भी लडकी मुझसे दोस्ती करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी.
मै अब अपनी कहानी “उसकी बीवी और मेरी रखेल” मे बताता हूं. वादे के मुताबिक अब मै आप लोगों को ये बताना चाहता हूँ. के कैसे मैने रश्मि को कस कस के चोदा. वह मेरे दोस्त की बीवी और मेरी रखेल थी. उसका शरीर हष्ट-पुष्ट और मजा देने वाला था. मुझे अच्छा लगता था. 
साली रश्मि को चोद-चोद के रंडी बना दिया मैने. साली तो बड़ी सेक्सी है. उसको जितना चोदू उतना ही कम है. मैने तो कामसुत्र के सारे तरीको से रश्मि को चोदा. और मेरा मोटा लंड ले ले के अब घायल बन गयी है. वो तो अब अपने पति से ज़्यादा मुझ पर ज्यादा आकर्षित हो रही है.
उसके पूरे छेद अब मेरे लंड के दीवाने हो गये है और उसकी चूत और गांड का छेद भी बड़ा हो गया है. रश्मि तो मुझसे भी तेज हो गई है. वो ही मुझे बुला के चुदवाती है. खुद ही कपड़े निकाल कर जल्दी से नंगी होती है ताकि मैं उसे जल्दी से चोदू. में उससे जो भी करू वो ना नही बोलती. मुझे तो असली मज़ा बिना कन्डोम के आता है.
इसीलिये साली के चूत मे तो बिना कन्डोम के मारता हूँ. वो भी ऐसे ही चुदवाना चाहती है. कभी मन करता है की साली रश्मि को अपने बच्चे की माँ बना दूँ. उस दिन खास तोर पर रश्मि ने मुझे रात 8.30 बजे अपने घर पर बुलाया खुद को चुदवाने के लिये. में जब उस के घर पर गया तो वो तैयार हो चुकी थी एक-दम नयी दुल्हन की तरह. उसकी सफ़ेद साड़ी से तो उसके बोब्स काफ़ी बाहर दिख रहे थे.
वो मुझे सोफे पर बैठने के लिए बोली और बेड रूम मे चली गयी. थोड़ी ही देर मे वो हॉल मे आ गई उसे देख के मै अपने कपड़े उतारने के लिए एक दम तेयार हो रहा था. तो रश्मि ने मेरे हाथों को पकड़ के रंडी की तरह बोली के “डार्लिंग यह मेरा काम है. पहले तो मे तेरे कपड़े उतारूँगी फिर तुम मेरा कपड़े उतारना. जब तुम मेरे कपड़े उतारोगे तो मैं तुम्हारा लंड चूसूंगी.
ठीक है ना.” ऐसा कहते हुए उसने मेरे कपड़े पूरे उतार दिये. तब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था. अब मे उसकी साडी ब्लाऊज और पेटीकोट को खोल रहा था. और बीच- बीच मे उसको किस कर रहा था. उसके बोब्स भी तने हुए थे. मैने जब उसके ब्लाऊज को खोला तो देखा की वो ब्रा नही पहनी थी.
ऐसा मैं उसे नंगा कर रहा था जब में ये देख रहा था. वो मेरे लंड को अपने प्यारे हाथों से सहला रही थी. मेंने तो ये तय किया के रश्मि को रात भर रंडी बना कर चोदू और उसके साथ ही सो जाऊ. थोड़ी ही देर मे मैने उन्हे बेड पर खीच के लेटा दिया और मैं उसके ऊपर चड गया. उसके टांगो को खुला कर दिया और मेरा मोटा लंड उसके नरम चूत के उपर रख के रगडने लगा.                                                                                                                                                                                                       और फिर मैने एक ज़ोर का झटका मारा ताकि मेरा लंड उसकी चूत मे पूरी तरह से घुस जाए. वो तो चिल्ला उठी और अपने बच्चे (जो की उसी डबल बेड पर सो रहा था) को दिखाते हुए कहा की “नही मेरे राजा, नही मुन्ना जाग जाएगा. चलो हाल मे जाते है और तुम मुझे वाहा सोफे पे चोदना”. मेंने झट से उसके लिप्स को फ्रेंच किस किया और बोला “नही की बच्ची रोज तो आँचल सरका- सरका के बोब्स दिखाती है और साडी उठा के अपने चूत और गांड को दिखाती है. साली अब तो इस बिस्तर पर तुझे चोद के ही रहूँगा.”
ऐसा कहते हुए मेरा लंड फिर से मैने उसकी नरम चूत मे बड़े ज़ोर से घुसा दिया. रश्मि तो आवाज करने लगी. उईईईईईई माआआआअ ओह अहह..... वो फिर से बोलने लगी के “प्लीज़ , रुक जाओ ना, प्लीज..... यह रानी तो अब तुम्हारी है जितना देर चाहे उतनी देर तक तुम मेरी गांड मार सकते हो. अगर मुन्ना जाग गया तो?.
तो मैं बोला “साली जाग जाने दो, उसे क्या पता के हम, क्या कर रहे है. फिर भी तू बोल देना के बेटा सो जाओ आज तुम्हारे चाचा तुम्हारी मा को चोद रहे है.” ऐसा कहते हुए मेने रफ़्तार और बढ़ा दिया. थोढी ही देर मे वो भी एंजाय करने लगी. बीच बीच मे उसके मूहँ से अलग सी लेग्वेज की आवाज़ निकालने लगी जैसे “आहह उईईई माआरूऊऊओ......... मुझे अपनी बीवी तो बना ही चुके हो अब तो मैं तेरे लंड को लेने के लिए तड़प रही हू.
मुझ से रहा नही जाता और ज़ोर से चोदो`” ऐसा कह रही थी. मैं भी उसको चोदते हुए बोला के “साली रंडी अब तक तो तुझे पता चल चुका होगा के असली मर्द से चुदवाने मैं कितना मज़ा आता है”. इसी दौरान मैं बीच- बीच मैं उसके गांड पे भी मार रहा था. मेने रफ़्तार और बढ़ा दिया. मै तो मानो जानवर की तरह इस रंडी को चोदे जा रहा था.
मेरे हर धक्के पर वो “उूउउफफफ्फ़..... आआहह.... ऊऊहह..... उईईईईईईईई...... अहह..... प्लीईआसस्सीई...... मुझ से सहा नही जाता. पोज़िशन बदलकर चोदो ना प्लीज़” की आवाज़े निकालने लगी और रोने लगी. तो मैं उसके बगल मे सो गया और उसे अपने उपर उठा के कस- कस कर चोदे जा रहा था. थोढी ही देर मे वो अपने पानी को मेरे लंड पे छोड़ने लगी.
मैंने भी उसका जवाब अपने लंड का पानी छोड़ कर दिया. उसे अब मेरे उपर से निकाल के बेड पर लिटा दिया. कुछ देर वैसा पड़े रहने के बाद उसे उल्टा करके उसके पैरो को हल्का सा फैलाया ताकि उसके गांड मारू.

तो रश्मि ने बोला की “पेशाब आने लगा है”. मै भी उसके साथ बाथरूम चला गया. जब हम बाथरूम से आ रहे थे तो रश्मि एक रंडी की तरह मेरे लंड को अपने हाथों से सहला रही थी, दूसरे राउंड के लिए.
जब हम होल पर आए तो उसे कुत्ते की तरह खड़े रहने के लिए बोला. तो वो बोली के “चलो अब तो मुझे होल मे ले जाकर चोदो ना प्लीज़.ऐसा कहते हुए वो हाल मे गयी और सोफे पर कुत्ते की स्टाइल मे खडी हो गयी और बोली के “रूको क्रीम तो लगा लो” तो मैने कहा “रंडी अब तो तुझे क्रीम की नही मेरे लंड की ज़रूरत है”
ऐसा कहते हुए रश्मि के बालों को पकड़ के मेरा लंड उसका मुहँ मे घुसाने का काम शुरू किया. करीब 10-150 मिनिट तक मैं ऐसे ही घुसा रहा था उसके मुहँ मे. फिर मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी. गांड का ख़याल आते ही लंड फिर से हरकत करने लगा. मैने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद पर रख कर घुसने की कोशिश की. उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था.
अब मै उसके पीछे को गया ताकि उसके गांड मारु. मैने ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर और अपनी उंगली पर लगाया और दुबारा उसकी गांड मे उंगली घुसाने की कोशिश करने लगा. गीलेपन के कारण मेरी उंगली थोड़ी गांड मे घुस गयी. उंगली घुसते ही वो कसमसाहट करने लगी. वो तड़प कर आगे खिसकी जिस वजह से उंगली गांड के छेद से बाहर निकल गयी.
तो रश्मि ने मुड कर बोला “क्या कर रहे हो”. मैने कहा “तुम्हारी गांड सचमुच खूबसूरत है”. वो बोली “उंगली क्यो घुसते हो लंड क्या सो गया है?”. उसकी यह बातें सुनकर मैं खुश हुआ और उसे पेट के बल लिटा दिया. और दोनो हाथो से उसके चूतड को फैला दिया.
जिस से उसकी गांड का छेद और खुल गया. वो धीरे से बोली “कि, नारियल तेल, घी या कोई चिकनी चीज़ मेरी गांड और अपने लंड पर लगा लो तो आसानी रहेगी”. मैने कहा “मेरी रानी इस से भी अच्छी चीज़ है मेरे पास और वो है वेसलिन”, और मैं उठ कर ड्रेसिंग टेबल से वेसलिन ले ढेर सारी वेसलिने अपने लंड और उसकी गांड पर लगायी और उसकी गांड मारने को तेयार हो गया.
लंड गांड मे घुसते ही वो बोली “रुको तोड़ा आहिस्ते- आहिस्ते डालो, दर्द हो रहा है, 2 साल हो गये गांड मरवाये. मेरे पति ने मेरे कभी ऐसे गांड नहीं मारी. लेकिन आज तूने मेरी सारी प्यास बुझा दी. वरना मैं इस चूत की भूख को कब तक बर्दास्त करती.  
अब मै धीरे- धीरे से उसकी गांड मे लंड घुसा रहा था. ऐसा मे 25-30 मिनट चोदने के बाद मैने मेरा लंड निकाल के फिर से उसकी चूत मे घुसा दिया ऐसा 5 मिनट मारके फिर से मैने उसकी गांड मे घुसा दिया. केवल 5 मिनट मे ही मैंने अपनी मलाई उसकी गांड मे डाल दी और वो भी मेरा साथ देने लगी और उसने भी अपनी मलाई छोड़ दी.
मैं तो उसके उपर कुछ देर तक वैसे ही पडा रहा, इसके बाद मैने अपने लंड को रश्मि की गांड से निकाल के उसके उपर से हटा लिया और उसके मूहँ के पास गया. तो रश्मि ने झट से मेरे लंड का चुंबन किया और मूहँ मे लेकर चूसने लगी. तब मैं उसके पीछे की और झुक के उसके चूत को देखते हुए बोला “क्या मस्त चूत पाई है तुमने साला तुम्हारा पति तो बेकार आदमी है. कोई इतनी हसीन चीज़ को ऐसे छोड़ेगा क्या. साली तू तो मुझे मस्त मिली. फिल्म के जैसा तू भी डबल रोल कर रही है एक तो उसकी बीवी के जैसा तो दूसरी ओर मेरी रखेल के जैसा.

अब मेरा लंड फिर से रेडी हो गया और उस से बोला की “चलो और एक राउंड हो जाए” तो उसने बोला के “ना बाबा ना मुझे तो कल जल्दी उठना है क्यों की मेरा पति सुबह के फ्लाइट से तो आ रहा है”. जब हम उठे तो रश्मि के चूत को देख के ऐसा लगा था. के उसको अभी ही बच्चा होने वाला हो. पाँच मिनट मे ही हम अपने कपड़े पहन लिए. उसको तो चला नही जा रहा था.
कुछ देर तक वेसे ही सोफे पर बैठने के बाद बेड रूम मैं आ गई. मैने देखा के रश्मि अपनी साडी मे इतनी मस्त थी. उनको देख के ऐसा लगता ही नही था. के मैने इतनी देर तक उसे चोदा हो. हम लोग रात को करीब 12.30 बजे को एक दूसरे से चिपक के सो गये.
अचानक ३.०० बजे मेरी नींद खुली और मेरे मन में फिर गांड मारने की इच्छा हुयी. में उसके बोब्स दबाने लग गया. और उसकी चूत में उंगली डालने लग गया. इतने में उसकी भी नींद खुल गयी. और मुझसे कहने लगी अब क्या कर रहे हो जानू फिर मैने कहाँ मुझे एक राउंड ओर खेलना हैं. तों उसने कहाँ अब बस भी करो यार.
फिर मैने अपना लंड उसे पकडा कर जोर- जोर से हिलाने को कहा. और थोड़ी ही देर में हम दोनों फुल जोश में आ गये. मैने उसका पेटीकोट उतार कर उसकी चड्डी उतार दी. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया. और जोर-जोर से धक्के मारने लगा और मारते-मारते वह भी एक दम से तन के फुल जोश में आ गयी.
और मुझे कस कर पकड़ने लगी और कहने लगी जानू जल्दी-जल्दी करो ना प्लीज. में और जोर से करने लगा. हमारा झड़ने का का समय नजदीक आ गया. और कुछ ही देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया. और वह भी मोन हो गयी. फिर दो मिनट बाद मै भी झड़ गया.
और कुछ देर उसके ऊपर ही सोता रहा. फिर उठ कर मैने अपना लंड साफ किया और उसने अपनी चूत और फिर हम दोनों सो गये. सुबह जब हम लोग फ्रेश हो कर एयरपोर्ट जा रहे थे. तो रश्मि से में बोला के “रात को ध्यान नही रहा तुम दवांई लेकर खा लेना समझ गयी ना”. तो वो बोली “ठीक है में समझ गयी”.
फिर से वो बोली की “तुम चिंता मत करो उसे आने दो कोई परवा नही, हम हमारी चुदाई जारी रखेंगे में कुछ ना कुछ करती हू. अब तो में तुम्हारी और तुम्हारे लंड की दीवानी हो चुकी हू, मुझसे अब रहा नही जाता”.
अच्छा अब में चलता हूँ बाय रश्मि ....... अब हम अपनी-अपनी जगह पर चले जाते है. तो यह था दोस्तो मेरा अनुभव. यह कैसा लगा आप लोगों को.. . मुझे कमेन्ट जरुर देना ...... अगर मुझसे शब्दों में कोई गलती हुईं हो तों मै माफ़ी चाहता हूँ....धन्यवाद...आपका RK (राहुल खन्ना)>>>>

चुदाई की कोचिंग

चुदाई की कोचिंग
प्रेषक : बबलू

हेलो रीडर्स. में बबलू. उम्मीद है यह स्टोरी मेरे सभी पढ़ने वालों को बेहद पसंद आयेगी. और खास कर लड़कियों और आंटीयों को तो सबसे पहले मैं अपना परिचय दे दूं. में बबलू जयपुर से मुझे 10वी क्लास से ही सेक्स करने की इच्छा बहुत ज़ोर की थी. मैं हमेशा एक शादीशुदा औरत के साथ ही पहली बार सेक्स करना चाहता था क्योंकी उसे बहुत एक्सपीरियेन्स होता हैं. बात उस समय की है जब मैं 12वी क्लास मे पढ़ा करता था. मैं इंग्लिश की कोचिंग  के लिये एक सर के घर जाता था. हम लोग 5 दोस्त एक साथ जाते थे. टीचर हम सब को दोपहर 3 बजे बुलाते थे और 5 बजे छोड़ते थे. हम लोग रोज कोचिंग जाते थे. सर भी शादीशुदा थे और सर की बीवी एक दम मस्त थी और बहुत ही खूबसूरत थी. जिस दिन से मैने उसे देखा था, में बस उसी के बारे मैं सोचता था. उसका नाम सोनिया था. वो एक बंगाली टीचर थी.
मैं आपको बता दूं, की सोनिया रोज दोपहर को अपने बेडरूम मे सोती थी और सर हमे हॉल मे पढ़ाते थे. उसके उठने का टाइम 4.30 बजे था. वो हर रोज 4.30 बजे के लगभग सो कर उठती थी और गाउन पहन कर बाथरूम के लिये जाती थी जो एक सब के लिये बाथरूम था, हॉल मे. हम जहा पढ़ते थे वो हॉल बाथरूम के जस्ट पास ही था. और वो जब टायलेट करती थी तो उसका मूत इतने प्रेशर के साथ निकलता था की उसकी आवाज़ हमारे कानो तक जाती थी. बस यही तमन्ना मन मे होती थी के एक बार उसके साथ सेक्स करने को मिल जाये तो ज़िंदगी हसीन हो जाये.

ऐसे ही दिन गुज़रते गये, और कुछ दिन बाद हमारे सर जो वहा के एक स्कूल मे टीचर थे, उनका ट्रान्सफर हो गया. तभी सर ने हमसे कहा की उनका ट्रान्सफर हो गया है इसलिये हम किसी और टीचर का इंतजाम कर लें. फिर सर ने एक राय  दी और कहा की उनकी बीवी भी वो ही सब्जेक्ट पढ़ाती है, अगर हम चाहे तो उनसे कोचिंग ले सकते हैं. क्योकी सर का ट्रान्सफर कुछ समय के लिए ही हुआ था और उन्हे अभी फैमिली ले जाने का ऑर्डर और फ्लेट नही मिला था. इसीलिये सर अकेले जा रहे थे. मेरे सभी दोस्तों ने मना कर दिया और दूसरे टीचर को जॉइन कर लिया. मगर मैं सोनिया मेडम से कोचिंग लेने को राज़ी हो गया. सर ने भी मुझे थैंक्स कहा. जब सर जाने लगे तो उन्होने मुझे कुछ बाते बताई की मैं अपनी टीचर का ध्यान रखूं, अगर उन्हे कोई चीज़ चाहिये तो उन्हे ला दूँ, आदि और मैने सर को भरोसा दिलाया की मैं ऐसा ही करूँगा. फिर सर चले गये.

मेडम घर मे एकदम अकेली. उनको कोई बच्चा भी नही था. फिर मैंने मेडम से कोचिंग लेना शुरू कर दिया और कुछ ही दिन मे मैं मेडम का दोस्त भी बन गया और मेडम मेरी दोस्त बन गई. मैं मेडम का बहुत ख्याल रखता था और मेडम मुझे एक स्टूडेंट की तरह बहुत प्यार भी करती थी. धीरे धीरे 1 महीना बीत गया. फिर एक दिन मैने मेडम से कहा मेडम आपको सर की याद नही आती,  मेडम ने कहा याद तो बहुत आती है मगर कोई और रास्ता भी तो नही है. फिर मैने मेडम को हिम्मत करके कहा मेडम एक बात पूंछू तो मेडम ने कहा तुम मुझसे कुछ बोलो उससे पहले मैं तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूँ. तो मेडम ने कहा की “जब हम दोनो एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हैं और दोस्त भी हैं तो फिर आज से तुम मुझे मेडम नही बल्कि सोनिया बोलोगे.

और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर मे ही तो रहते हो इसलिये मुझे मेडम सुनना अच्छा नही लगता.” मैं राज़ी हो गया.
फिर सोनिया ने कहा की तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैने बहुत हिम्मत करके कहा की सोनिया फिर मैं चुप हो गया और आधी बात मे ही रुक गया. तो सोनिया बोली क्या बात है और मैने कुछ नही कहा. फिर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली कहो ना नही तो मुझसे बात मत करना और मुझ से कोचिंग भी मत पढ़ने आना. मैने फिर कहा की तुम बुरा तो नही मानोगी तो उसने कहा नही फिर मैं बोला की तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नही करता. ऐसा कहने पर सोनिया चुप हो गयी और मेरी तरफ आश्चर्य से देखा. मैं डर गया था और मैने उसे सॉरी कहा तो उसने कहा की तुम्हे सॉरी नही बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिये.

तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख्याल नही. और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया. फिर हमने साथ मे डिनर किया और मैं अपने घर चला गया. फिर कुछ दिन बाद, मैं एक दिन सोनिया के घर गया मगर वो घर मे दिखाई नही दे रही थी. मैं हर एक रूम देख रहा था मगर वो कही नही थी. फिर मैने बाथरूम का गेट खोला और मैने वो देखा जो मैने कभी सोचा भी नही था. बाथरूम का गेट बन्द नही था और जैसे ही मैने गेट खोला तो देखा की सोनिया अपने बाथरूम मे बैठी थी. उसका गाउन, ब्रा और पेन्टी पास ही मे रखे थे.

वो एकदम नंगी थी और उसने अपने बाये हाथ की तीन उंगलीयां अपनी चूत मे घुसा रखी थी और दाये हाथ से अपनी चूचि को दबा रही थी. उसकी आँखे बंद थी और वो मज़ा ले रही थी. मैं करीब 5 मिनिट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा. मेरा लंड पूरा खड़ा और हार्ड हो गया था और मेरा मन कर रहा था की अभी उसे चोद दूं. मगर मैने अपने आप को संभाले रखा. कुछ देर बाद मैने कहा सोनिया यह क्या! सोनिया बिल्कुल डर गई और अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने गाउन से अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ देखती हुई अपने रूम मे चली गई. मैं हॉल मे एक सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मेरे पास बैठ गई और कहने लगी. तुम्हे क्या पता एक शादीशुदा औरत इतने दिन अपने पति के बगैर कैसे रह सकती है. सेक्स तो हर एक को चाहिये और ऐसा कह कर मुझ से लिपट कर रोने लगी. फिर मैने उसे संभाला.

फिर उसने मुझे यह बात किसी से नही कहने को कहा, उसके पति से भी नही. में  राज़ी हो गया. फिर मैने कहा की अगर तुम्हे सेक्स की इतनी ही चाहत है तो मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूँ. ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गई और मुझे फिर से एक किस दी और कहा “सच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे. और मेरे पति को भी नही बताओगे. तुम कितने अच्छे हो”. ऐसा कह कर वो मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों मे दबाने लगा. और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे. फिर मैं जाने की लिये उठने लगा तो उसने कहा कहा जा रहे हो और मुझे कब प्यार करोगे. मैने कहा मैं शाम को 8 बजे आऊँगा. और फिर में  चला गया.

मैं शाम को उसके घर पहुँचा और अंदर गया तो देखा की उसने एक बहुत ही सुंदर  साड़ी पहन रखी थी. उसके बड़े बड़े बोबे उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रहे  थे. उसका पेट पूरा दिखाई दे रहा था. क्योकी वो शादीशुदा थी, उसका जिस्म पूरा हरा भरा था. और मुझे ऐसी ही औरत अच्छी लगती थी. उसकी कमर बड़ी बड़ी थी और गोल भी थी. वो पूरी गोरी नही थी पर उसका रंग बहुत ही मस्त था. वो बहुत ही सुंदर और गर्म औरत थी. उसके होठ बड़े बड़े और आँखे मोटी मोटी थी. उसकी उंगली लंबी लंबी थी. वो सर से पैर तक चोदने लायक थी. उसे देख कर ऐसा लगता था जैसे वो चुदवाने के लिये बिल्कुल तैयार है. वो मुझे अपने कमरे मे ले गई और अपने बेडरूम का गेट बंद कर दिया. उसके बाल खुले थे. मैने उसे कहा, की आज मैं उसे हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गर्मी को ठंडा कर दूँगा. वो मुस्कुरा कर बोली चलो देखते हैं.

उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और गर्म हो गया. और मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होठों को चूमने लगा. फिर मैने उसे बेड पर बिठाया और उसके पेट पर अपना हाथ फेरने लगा. वो भी फिर जोश मे आने लगी और मेरे सिर के बाल को सहलाने लगी. मैने उसकी चूचियों को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ लिया और दबाने लगा. उसे पहले तो थोड़ा दर्द होने लगा और फिर शांत हो गई और मैं उन्हे दबाता रहा और ऐसा करते करते उसकी साड़ी के पल्लू को उपर से गिरा दिया. और धीरे धीरे उसकी साड़ी खोल दी. वो अपने लहँगे मे और ब्लाउज मे थी. फिर उसने मेरी शर्ट, और पेन्ट को उतार दिया. मैं सिर्फ़ चड्डी मे था.

उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे उपर सो गयी और मेरी छाती को चूमने और चाटने लगी. उसके ऐसा करने पर मुझे लगा की इसे पूरा एक्सपीरियेन्स है. और मुझे फिर उसकी चूत की गर्मी का भी एहसास हो गया. वो मुझे कुछ देर तक चूमती रही और कहा की तुम मेरी चूचि का मज़ा नही लेना चाहते और ऐसा कहते कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया. उसकी दोनो बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर मैं हैरान रह गया. उसकी निपल ब्राउन रंग की थी और उसके बोबे का रंग बिल्कुल गोरा था. मैने उसे एक बार मे बेड पर लेटा दिया और उसके उपर चढ़ कर उसके एक बोबे को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा. वो ज़ोर से आहे भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा. मैने ऐसा ही किया. उसने मेरे सिर को पीछे से पकड़ कर ज़ोर से अपने बोबे पर रगड़ने लगी. ऐसा लगता था जैसे वो अपने पूरे बोबे को मेरे मुहँ मे भर देना चाहती है. कुछ देर बाद मैने उसके लहँगे का नाडा खोल दिया और उसे उतार कर फेक दिया.

वो एक सुंदर फूलो वाली गुलाबी रंग की पेन्टी पहनी हुई थी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था की अभी अपना गर्म लंड उसकी चूत मे घुसा दूँ. उसकी गोरी जाघें मोटी मोटी और अच्छी शेप मे थी. मैने उससे पूछा की तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो. तो उसने कहा की वो मुझे ज़्यादा मज़ा नही देते. मेरी चूचि को कुछ देर चूसते हैं और अपना लंड मेरी चूत मे डाल देते हैं और कुछ ही देर मे झड़ जाते हैं. मुझे तो झड़ने का मौका ही नही मिलता. तुमने मुझे जिस दिन बाथरूम मे उंगली करते देखा था वो तो मे उनके होते हुये भी करती हूँ. मैने कहा और कुछ नही करती हो. उसने कहा और होता ही क्या है. तो मैने उससे कहा की तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखाना बाकी है. उसने कहा सच, अगर ऐसा है तो जल्दी करो ना. और ऐसा कहने पर मैने उसकी पेन्टी को धीरे धीरे उतार दिया. मैने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था.

मैने पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे देखा था. उसकी चूत बिल्कुल टाइट   थी. उस पर हल्के हल्के ब्राउन रंग के बाल चारो तरफ थे. मैने फिर अपनी चड्डी  उतारी तो मेरा भी मोटा और 7” इंच लम्बा लंड देख कर वो बोली की ऐसे लंड से चुदवाने का मज़ा मुझे पहली बार आयेगा. मैने कहा इसे टेस्ट करना चाहोगी. उसने कहा मुझे गन्द आती है. तो मैने कहा करके तो देखो. फिर मैने उसे बिना कुछ कहे उसके दोनो पैर को चोड़ा किया और उसके पैरो के बीच में बैठ कर उसकी चूत पर एक किस दे दी. ऐसा करने पर उसने कहा, तुम ऐसा मत करो. तुम्हे घिन आयेगी. मैने कहा, इसी मे तो सारा मज़ा है. और फिर मैने उसे अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उंगली से उसको फैलाने लगा.. ऐसा करने पर उसे बहुत दर्द हो रहा था. उसने मुझे ऐसा नही करने को कहा मगर मैं कहा सुनने वाला था. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी. और मैं पूरी ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था. उसकी चूत मे एक बहुत ही सुंदर खुशबू आ रही थी. उसकी चूत बहुत गर्म  थी. मैं करीब 15 मिनिट तक उसकी चूत को चूसता रहा. कुछ देर बाद उसे अच्छा  लगने लगा. मैने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है तो उसने कहा अब कुछ अच्छा  लग रहा है.

मैने फिर अपनी दो उंगली उसकी गरम चूत मे घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी टाइट थी की वो अंदर नही जा रही थी. मैं आप सब को एक बात बता दूँ. मैं बहुत सारी ब्लू फिल्म देखता हूँ और मुझे मालूम है की किस लड़की को किस तरह चोदना चाहिये. तो चूँकि उसकी चूत मे मेरी उंगली नही जा रही थी तो मैंने उसकी चूत मे अपना थोड़ा सा मूत गिरा दिया. उसने पूछा यह क्यो तो मैने कहा यह इसलिये ताकि तुम्हे दर्द नही हो. और ऐसा करने पर उसकी सुखी चूत गीली हो गई और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गई और मैं उसे ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा. ऐसा करते करते उसका जिस्म काँपने लगा और उसने कहा की तुम अपना मुहँ और उंगली वहा से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूँ. मैने कहा मैं उसे पीना चाहता हूँ इतना कहते कहते वो झड़ गई और में उसके पूरे रस को पी गया और एक बूँद भी नही गिराया.

उसने कहा तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया है और मैं भी अब तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ. उसने भी मेरा लंड अपने मुहँ मे लिया और उसकी चमड़ी को पीछे करके उसके अंदर वाले पार्ट को अपनी जीभ से लगाने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरा पूरा 7” इंच लंबा लंड अपने मुहँ मे लेना चाहती थी. उसके चूसने के कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इसलिये मैने अपना लंड उसके मुहँ से निकालना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैने किया मगर मेरे थोड़ा तन ने से मेरा लंड उसके मुहँ से बाहर निकल गया और मैं वही झड़ गया और मेरा सारा रस उसके पूरे मुहँ मे पिचकारी की तरह चिपक गया, कुछ उसके होठों पर, कुछ उसके गाल पर और चारो तरफ. वो उस पूरे रस को अपने होठों और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी.. फिर उसने मुझे थैंक्स कहा और मेरे लंड को अपने होठों से चाट कर साफ कर दिया. और अब मुझे अपना लंड उसकी चूत मे घुसाने को कहा. मैने ऐसा ही किया. मैने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख पड़ी.

फिर मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया और 4” इंच उसकी चूत मे डाला. उसका दर्द और बढ़ गया. वो और ज़ोर से छटपटाने लगी और मुझे बस करने को कहा. उसने कहा “मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ 5”इंच का ही है और अब मैं तुम्हारा 7”इंच लंबा लंड कैसे घुसाऊँगी.” मैने कहा तुम उसकी चिंता मत करो और एक और झटका लगाया और मेरा 7” इंच लम्बा लंड उसकी चूत मे समा गया. उसकी आँखों से पानी  निकल पड़ा मगर मैं रुका नही और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत मे डाल दिया. उसकी चूत बहुत गर्म थी. मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी. चूँकि हम दोनो अभी अभी झड़े थे इसलिये दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नही था. इसलिये मज़ा और ज़्यादा आने लगा. ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी. उसकी गर्म चूत गीली हो गई. और वो शांत पड़ गई. मगर में रुका नही और मैं उसे चोदता रहा.

उसने मुझे अब रुकने को कहा मगर मैं रुका नही और अपना काम करता रहा. लगभग 10 मिनिट के बाद मैं भी झड़ गया और मैने अपना पूरा माल उसकी चूत मे गिरा कर शांत हो कर उसकी बाहों मे सो गया. वो मुझे चूमती रही और मेरे उपर लेट गई. कुछ देर बाद मैने उसे कहा, अभी तो और एक मज़ा बाकी है. उसने कहा वो क्या. तो मैने कहा, अभी मैं तुम्हारी गांड मारूँगा जिसमे तुम्हे बहुत मज़ा आयेगा. उसे उसके बारे मे कुछ नही मालूम था. उसे लगा इसमे भी बहुत मज़ा आयेगा और वो राज़ी हो गई. फिर मैने उसे उसके बेड के एक कोने मे कुत्ते की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनो हाथ बेड के उपर रख दिये. उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच मे. फिर मेंने उसके मुहँ मे अपना लंड डाल दिया ताकि वो कुछ गीली हो जाये.

फिर मैं अपने होठों से उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर दिया. उसे अच्छा लग रहा था. फिर मैने अपना लंड अपने हाथो मे लेकर उसके गांड के छेद पर लगाया और अपने हाथो से पकड़ कर एक धक्का मारा. मेरे धक्के मारते ही वो चीख पड़ी और कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा. मैने कहा थोड़ा सहन करो. पहली बार है ना. और फिर बार बार धक्का लगाते रहा, बार बार वो चीखती रही और बार बार मेरा लंड कुछ अन्दर जाता रहा. और ऐसा करते करते मेरा लंड 4”इंच  अंदर चला गया. उसने मुझसे रोते हुये उसे छोड़ देने को कहा. मगर मैने उसे समझाया की बस कुछ देर बाद ही उसे मज़ा आयेगा. ऐसा कहने पर वो मान गई और मैने फिर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लंड 1.5” इंच और अंदर डाला. ऐसा करते करते मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मे घुस गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी.

फिर मैने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ कर दबाने लगा और उसकी गांड भी मारने लगा. ऐसा करते करते मैं झड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गांड मे डाल दिया. और फिर में उसे बेड पर लेकर लेट गया और उसकी चूचि चूसने लगा. फिर मैं बेड पर लेट गया और उसे मैने अपने लंड पर बैठाया और सोनिया ने धीरे धीरे मेरा सारा लंड अपनी गांड मे घुसवा लिया. वो मेरे लंड पर नाचने लगी और मज़ा लेने लगी. उसने फिर अपनी लम्बी उंगली की बड़े बड़े नाखून से मेरी गांड के आस पास की जगह को खरोचने लगी.

ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम लग रहा था. फिर उसने मेरी गांड के छेद पर अपने मुहँ का थूक गिराया और अपनी उंगली मेरे मुहँ के थूक से गीली करके मेरी गांड मे अपनी उंगली घुसाने लगी. मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ और कुछ देर बाद मज़ा आने लगा और वो करीब 15 मिनिट तक ऐसा करती रही. ऐसा करते करते हम दोनो कब सो गये हमें मालूम ही नही चला. फिर सुबह हुई और हम दोनो एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुये उठे. और जब भी मौका मिलता मैं उसे दिन मे भी चोदने लगता. हम दोनो फिर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैने उसे हर एक स्टाइल मे चोदा और मज़ा दिया. हम ब्लू फिल्म भी साथ देखते और उस स्टाइल मे एक दूसरे को चोदते. मैने उसकी गांड मार मार कर उसकी गांड को चोड़ा कर दिया था जिससे वो और भी सुंदर लगती थी. मैने अपनी एक पुरानी इच्छा भी पूरी करनी चाही.

मैने उससे कहा की जब मैं सर से पढ़ता था और जब तुम दोपहर को सोने के बाद टायलेट करने जाती थी तो तुम्हारा प्रेशर सुनकर मुझे तुम्हारी चूत को चाटने का मन करता था. तब उसने कहा की तुम अपनी इच्छा अभी पूरी कर लो. और फिर वो बाथरूम मे गई, उसने मूतना शुरू किया उसी प्रेशर के साथ और मैने उसके मूतते हुये अपना मुहँ उसकी चूत पर लगाया. उसका सारा मूत मेरे मुहँ पर गिरने लगा और मैं उसका मज़ा लेने लगा. इस तरह जब मेरा मन करता मैं सोनिया  को चोदने लगता और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती. फिर कभी तो दोस्तो मुझे ज़रूर बताये की मेरी यह स्टोरी आपको कैसी लगी. और मैने सोनिया को संतुष्ट करके अच्छा किया की नही.... मुझे अपने कमेन्ट जरुर देना . . .

धन्यवाद 

बर्थ डे गिफ्ट

बर्थ डे गिफ्ट
प्रेषक : निकुंज

हाय फ्रेंड.. मे निकुंज हूँ। ओर यह मेरी न्यू स्टोरी हे. यह कहानी आरती पर हे. आरती का अब  20 वा बर्थ डे था। उसके 2 भाई थे. दोनो बड़े. उसकी मम्मी नही थी. उसके पापा ही उसके लिए सब कुछ थे. वो उसके पापा का सब कुछ कहा मानती थी। उसको उसके दोनो भाइयो पर गर्व था। दोनो जिम जाकर अपनी अच्छी हेल्थ बना ली थी। उसके एक भाई का नाम था राजू और दूसरे का नाम था अनिल।
अब राजु, अनिल और उसके पापा सोच रहे थे की आरती को क्या गिफ्ट दी जाए जो वो पूरी ज़िंदगी याद रखे. सबने कुछ डिसाइड किया.. अब क्या वो आगे पता चल जाएगा। आज आरती का बर्थ डे है. वो रोज की तरह उठकर घर का काम कर रही थी. पर आज उसे अपने भाइयो की नज़रे कुछ ठीक नही लग रही थी. वो उसे काफ़ी घूर घूर कर देख रहे थे। आरती अपने मेक्सी मे काम कर रही थी. उसकी मेक्सी उसकी गांड के उपर से थोड़ी सी फटी हुई थी।
आरती को लगा वो लोग वो छेद को देख रहे है इसलिए उसने मॅक्सी पर एक फोल्ड कर दी. वो अब नीचे बैठकर सब्जी काट रही थी. राजू आया और फ़्रीज़ से पानी की बोतल निकाली और पास मे बेठी आरती को किस किया और चला गया। फिर तुरंत ही अनिल आया और ग्लास लेकर आरती के किस किया और चला गया. आरती को कुछ समज नही आया और वो समझने  के लिए बाहर हाल मे आई तो दोनो वही हॉल के सोफे पर बैठे थे और पापा एक चेयर पर।
सामने टेबल पर एक केक रखा था. सब लोग उठे और आरती को केक काटने के लिए कहने लगे. आरती जेसे ही केक पर लगी कॅंडल को भुजाने जुकी, राजू ने उसके मॅक्सी का फोल्ड कीच दिया.. आरती के मॅक्सी का छेद उसे दिकने लगा। वो देख कर राजू हंसने लगा. आरती शरमा  गयी।
आरती ने झट से मॅक्सी के छेद पर हाथ रकने के लिए बडाया तो पापा ने अनिल और राजू को कुछ इशारा किया. दोनो भाई ने आरती के हाथ पकड़ लिए... पापा ने आरती के छेद को फाड़ना चालू किया.. आरती का पूरा मेक्सी फट गया था।
आरती चिल्लाती रही.. पर मदद करने कोन आता. पापा और दोनो भाई ने आरती का गाउन निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी मे थी. और उसने ब्रा भी नही पहनी थी। अनिल ने आरती का हाथ पकड़ लिया और राजू ने आरती के पीठ.. पापा ने आरती के पेरो के बीच मे आकर अपनी पेंट उतार दी.. आरती तो ये देखकर दंग ही रह गई.,. पापा का लंड तो एक हाथी के लंड की तरह था। आरती ने सोचा भी नही था की ऐसा भी होगा।
पापा ने लंड तुरंत ही आरती की चूत पर रगड़ने लगे. आरती की चूत जरा भी गीली नही थी. पर इस बात का पापा पर कुछ फर्क नही था. उनको तो सिर्फ़ अपनी बेटी को रांड की तरह चोदना था। उन्होने फट से आरती के चूत मे अपना लंड घुसा दिया. आरती को चिल्लाते देख सब को मज़ा आ रहा था. और एक शॉट मारते ही पापा का आधा लंड आरती की चूत मे था. आरती जैसे बेहोश सी हो गयी थी. उसकी चूत से खून निकल रहा था. राजू जल्दी से आरती के सर को पकड़ कर उसे थप्पड़ मारने लगा. आरती कुछ होश मे आने लगी तभी राजू ने भी अपने लंड को  पेंट से बाहर निकाल कर आरती के मुह मे डाल दिया।
आरती ने उसको मुह मे रखा ही था अभी पापा ने और एक शॉट मारा. पापा का पूरा लंड अपनी कुवारी बेटी के चूत मे था. आरती की आँखों से पानी आ रहा था. वो रोने लगी थी. अब राजू ने उसके नाक पकड़ ली. आरती ने उसके मूह सांस लेने के लिए खोला तो उसने अपने लंड काफ़ी अंदर तक डाल दिया. आरती को सास लेने मे तकलीफ़ होने लगी। पापा ने नीचे आरती को फटाफट शॉट मारने चालू कर दिए. आरती को दर्द के साथ साथ अब मज़ा भी आने लगा. अब  उसकी चूत गीली भी होने लगी।
अब वो पापा पापा कर के आहे भी भरने लगी.. ये देख कर अनिल ने आरती के हाथ छोड़ कर अपना लंड भी निकाल दिया. यहा पापा जट जट धक्का मारने लगे. आरती की तो साँसे फूल ही गयी थी,,,, वो अब जड़ने वाली थी और पापा भी... पापा ने अपना सारा पानी आरती के अंदर छोड़ दिया... अब पापा शांत हो गये... आरती भी थक गयी थी पर उसके भाई अभी बाकी थे।  राजू ने आव देखा ना ताव.. उसने आरती के अंदर अपना लंड डाल ही दिया। पापा के लंड से थोडा छोटा था और आरती की चूत गीली होने के कारण उसका लंड आराम से चला गया। 

आरती को अब दर्द तोड़ा ही हो रहा था. आरती अब फुल साथ दे रही थी. राजू अब शॉट पर  शॉट मारने लगा.. पापा से काफ़ी जोरदार धक्के मार रहा था. आरती को भी काफ़ी मजा आ रहा था. आरती भी सिसकिया निकाल कर मज़ा ले रही थी. राजू भी जल्द ही जड़ गया।
आरती को भी पता था की अब अनिल की बारी है. पापा और राजू, आरती के बोब्स से खेलने लगे. दोनो एक एक करके आरती के बोब्स मूह मे लेकर मज़ा कर रहे थे.. अनिल ने भी अपने पापा के जेसे जोश मे शॉट मारने लगा...  वो भी जड़ गया.. चारो वही पर सो गये. उस दिन बस आरती को चोद चोद कर उसकी चूत का भोसड़ा बना दिया।
यह था आरती का सर्प्राइज़ गिफ्ट..... तो दोस्तो केसी लगे मेरी ये स्टोरी।
धन्यवाद । ।

चूत की बरसात पार्ट 2

चूत की बरसात पार्ट 2
प्रेषक : गोरव

हेलो दोस्तो तो मे अब दोबारा आप को बाकी की स्टोरी सुनाने आया हूँ. तो हुआ यूँ की नसरीन की चूत तो मार के मे उसे शान्त कर चुका था अब बारी थी आंटी रुबीना की बहन की बारी जो की मेरा लंड चूसना शुरु कर चुकी थी. ओर मे साथ साथ उसकी नरम नरम बड़ी साइज़ की गांड  के साथ खेल रहा था. हाथ लगाने से उसकी गांड ऐसे हिलती थी जेसे ज़लज़ला आ जाता हे.  खेर दोस्तों हुआ यूँ की आंटी रुबीना की बहन से मैने सेक्स के साथ साथ उसके पति के साथ उसके सेक्स के रीलेशन के बारे में पूछा उसने बताया की मेरा पति भी फिट हे और बड़ी अच्छी  तरह से चूत मारता हे मेरी ओर हम तकरीबन अभी भी हफ्ते मे 3 बार कम से कम चूत लंड  का खेल खेलते हैं. खेर मैने उससे पूछा की फिर तुम्हे क्या जरूरत पड़ी की मुझ से चुदवाने की तो कहने लगी की रुबीना ने बताया था की जनाब काफ़ी अच्छी चुदाई करते हैं तो पहले तो मे चुप रही फिर सोचा की चलो क्यो ना तुम्हे आज़माया जाये इसीलिये मे आज आ गई और साथ साथ मे उसकी चूत मे उंगलियाँ दे रहा था ओर कभी कभी बोबो को मुँह मे डाल कर चूसता  रहा ओर वो बातें बताती रही. 

तब मैने उसी से पूछा की तुम्हे पता हे की अक्सर जब तुम गली मे से गुज़रती हो तो मे तुम्हे बड़ी प्यारी नज़रों से देखता था तो वो कहने लगी नही मेने कभी फील नही किया खेर चलो आज बुझा लो प्यास अपनी ओर वो हंस दी. मैने उससे कहा की सब से प्यारी चीज़ तुम मे तुम्हारी गांड हे जब तुम चलती हो तो मेरा लंड झुक कर तुम्हारी गांड को सलाम करता. इस पर कहने लगी की क्या गांड मारने का इरादा तो नही मेने कहा की चूत तो तुम्हे अपनी इच्छा से मरवानी हे ओर गांड मेरी इच्छा से तुम मूझे दोगी खेर पहले तो वो नही मानी लेकिन मैने उसे मना लिया. अब मैने उससे कहा की लंड चूसो जितना चूस सकती हो मेरा अब वो मेरा लंड चूस चूस कर फुल खड़ा कर चुकी थी इस बार मेरा लंड पहले से भी ज्यादा टाइट था उधर दूसरी तरफ नसरीन बाथरूम से नहा कर आ चुकी थी ओर हीटर के आगे बेठ गई वो सर्दी से कांप रही थी हाहहः.
खेर अब मैने कुछ देर बाद शाज़िया की टाँगें अपने कन्धों पर उठा कर रखीं दोस्तो याद रहे की  शाज़िया आंटी रुबीना की बहन का नाम हे. शाज़िया की टांगे उठा कर मैने अपने कंधों पर सेट की ओर नीचे से एक तकिया उसकी गांड के नीचे रख दिया ताकि चूत खुल कर उपर की तरफ साफ तरह से नज़र आये ओर लंड फिट हो कर चूत मे चला जाये. खेर अब मैने अपनी हाथो  से ज़ोर से दबा कर उसके 38 साइज़ के बोबे पकड़ लिये ओर नीचे से लंड को चूत पर रगड़ने  लगा चूत का पानी निकल रहा था ओर मे अपना लंड अच्छी तरह से चूत के पानी से गीला कर के उसकी चूत में डाल रहा था ओर बातों बातों मे एकदम झटका दिया ओर लंड चूत मे घुस गया जिससे की शाज़िया की सच मे चीख निकल गई ओर मेरे कन्धों को उसने ज़ोर से दबा लिया. शाज़िया की चूत दोस्तो सच पूछो तो आंटी रुबीना से भी ज्यादा मजे की थी क्योकी  उसकी चूत अभी भी थोड़ी टाइट थी. उसके 2 बच्चे भी थे लेकिन फिर भी चूत कमाल की थी खेर अब मे थोड़ी देर नीचे झुक कर उसके होठ मुँह मे ले कर किस करने लगा फिर शाज़िया भी  नीचे से गांड उठा उठा कर हिलने लगी मैने तकरीबन 6 मिनिट तक इस स्टाइल से उसकी चूत   मारी.

फिर जब मैने महसूस किया की वो कम से कम 2 बार झड़ गई हे मैने सोचा की अब मोका अच्छा हे उसकी गांड मारने का तो मैने बड़े प्यार से उससे कहा की उल्टे हो जाओ पीछे से मारनी हे तुम्हारी चूत. उसे क्या पता था की अब मे उसे चूत की कह कर गांड मारने लगा. खेर वो मान गई पहले तो मैने उसकी चूत मे ही लंड डाला ओर 2 मिनिट के लिये तकरीबन चूत की खिदमत मे लंड पेश किया खेर अब तक उसकी चूत भी गीली हो कर सुकुड़ना शुरु हो चुकी थी जिसकी वजह से मेरा लंड दबा रही थी खेर मैने कुछ देर चूत मारने के बाद जब देखा की शाज़िया थक चुकी हे अब तब मैने आराम से लंड निकाला और गांड पर रगडना शुरु किया उसे क्या पता था की गांड मे डालेगा ओर मैने बातो बातों मे लंड गांड पर रखा और हल्के से पूछा क्या लंड गांड मे घुस गया वो एकदम आगे को हिली लेकिन मैने उसे पकड़ रखा था ज़ोर से उसके बोबो के वहा से इसलिये वो हिल ना सकी खेर उसकी गांड नरम होने की वजह से लंड कुछ आसानी से गांड मे चला गया. यकीन मानो दोस्तो क्या मजे की गांड थी इतनी भरपूर गांड ओर टाइट छेद. क्या मज़ा था लंड को पता चलता था की फँस कर गांड मे जा रहा हे खेर शाज़िया दर्द से काफ़ी कराह रही थी लेकिन मैने उसकी एक ना सुनी ओर आराम आराम से उसकी गांड मारता रहा खेर कुछ देर बाद जब उसने अपनी गांड ढीली छोड़ी तो मे थोड़ा तेज हुआ ओर तेज तेज लंड अंदर बाहर करने लगा अब उसको भी मज़ा आ रहा था ओर वो भी कह रही थी तेज मारो झटके मैने उससे पूछा की पति ने गांड मारी तुम्हारी या नही तो कहने लगी नही बस वो उल्टी कर के चूत बहुत मारते हे.

अब मे भी झड़ने वाला था ओर मैने कुछ ही देर मे उसकी गांड मे तेज धार छोड़ कर वीर्य निकाल दिया शाज़िया ने मूझे गोर से देखते हुये कहा की बड़ा गर्म हे वीर्य तुम्हारा हहहहा. खेर दोस्तो शाज़िया ने बड़ी ज़ोर से मेरे लंड को अपनी गांड मे दबा कर सारा वीर्य चूस लिया गांड में एक साथ. खेर उस के बाद हम कुछ देर लेटे रहे ओर फिर वो उठी ओर बाथरूम मे चली गई अब बारी आंटी रुबीना की थी इसलिये मैने बाकी सब को कहा की प्लीज अब मूझे और मेरी जान को एक साथ अकेला छोड़ दो इस पर आंटी बहुत खुश हुई ओर नसरीन ओर शाज़िया आंटी रोबना को मज़ाक मे ओय होय वा जी वा कह कर दुसरे रूम मे चली गई लेकिन जाते जाते शाज़िया मेरे पास से गुज़रते हुये मेरे लंड को शरारत से पकड़ कर कहने लगी की वेसे काफ़ी शान्त कर देतो हो तुम जनाब चूत को ओर गांड को भी इस पर मैने कहा की अब कब का प्रोग्राम हे तो उसने कहा की अभी इस बार की जो चूत पिलवाई हे उसकी जलन तो दूर हो जाये आगे की भी जल्दी बताऊँगी 2 ,3 दिन मे ही ओके.

यह कह कर वो भी चली गई दुसरे रूम मे अब मे ओर मेरी जानू आंटी रुबीना अकेले रूम मे चिपक कर लेट गये अब रुबीना ने प्यार से मूझसे पूछा की सच बताओ थक गये हो ना मैने कहा हाँ थक तो गया हूँ लेकिन तुम्हारी चूत ना लूँ यह हो नही सकता जानू आइ लव यू सो मच खेर इस पर वो खुश हो गई ओर कहने लगी कुछ देर आराम कर लो अभी तो रात के सिर्फ़ 4 बजे हैं 30 मिनिट आराम कर लो बाद मे फिर जनाब जेसा कहो जो कर लेना मैने कहा ओके ओर वो मेरी लिये गर्म गर्म गाजर का हलवा ले कर आई जो की मैने ओर उसने मिल कर खाया उसके बाद हमने अपना सेक्स केसे चालू किया वो मे तीसरे पार्ट मे बताऊंगा अभी तब तक दोबारा मूठ मार कर शान्त कर लो सब दोस्त आप. ओर लडकियां ओर आंटियो अपनी चूत की खुजली भी लंड डलवा कर या उंगली करके दूर कर लें। उम्मीद करता हूँ आप को मेरी यह स्टोरी पसन्द आई होगी.

धन्यवाद 

चूत की बरसात पार्ट 1

चूत की बरसात पार्ट 1
प्रेषक : गोरव

हेलो दोस्तो आज मे अपनी एक रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ. जो की इसी 1 महीने के दोरान पेश हुई है. रुबीना आंटी ने मुझे मिस कॉल किया तो मेने  रुबीना आंटी को तुरन्त फ़ोन किया तो पहली ही घन्टी पर आंटी ने फोन उठाया ओर कहा की कहाँ हो इतने दिनो से तुम ओर मैने जवाब मे कहा की आंटी रोज ही तो आप के सामने से ही गुज़रता हूँ गली मे से तो आंटी ने कहा की मे दूसरी बात कर रही हूँ क्या मूड हे तुम्हारा आज? मे समझ गया की आंटी की चूत मे आज खुजली हो रही है इसीलिये कॉल की है मैने तुरन्त हाँ कर दी की ठीक हे अगर कहो तो  मे आ जाता हूँ. आंटी ने कहा ओके तुम आराम से अंदर आ जाना 10 मिनिट के बाद दरवाज़ा खुला होगा मेरे घर का मैने पूछा की घर वाले कहाँ हैं आंटी ने कहा की मेरे पति की तबियत  आज ठीक नही है तो नींद की दवाई लेकर सोये हुये है मोका अच्छा है ओर बच्चे आज उपर वाले रूम मे सो रहे हैं आ जाओ. मैने जल्दी से हाँ कर दी. तब मे बड़े आराम से अपने बेड से  उठा ओर आराम से ड्रॉयिंग रूम से जा कर दरवाज़ा खोला जो की बाहर गली की तरफ खुलता है  ओर आराम से बाहर गली मे जा कर देखा तो गली मे बिल्कुल अंधेरा था क्योकी आजकल बहुत  ज्यादा लाइट जाती है इसलिये. मे बड़े आराम से दबे पावं चलता हुआ आंटी के घर के आगे पहुंचा तो देखा की दरवाज़ा थोड़ा सा खुला है मैने आराम से दरवाज़ा खोला तो अंदर जाते ही  देखा की आंटी सर्दी से कांप रही थी ओर चादर ओड़ के खडी थी.

मैने उसके कान मे पूछा की कौन से रूम मे जाना है उसने इशारा किया की संनी वाले रूम मे चलो मे आ रही हूँ. मे आराम से चलता गया ओर रूम मे चला गया. आंटी 5 मिनिट के बाद आई ओर चादर उतारी जो उसने अपने उपर ओडे हुई थी तो देखा की आंटी कमीज उतार के ब्रा ओर सलवार मे ही थी. मैने जल्दी से आंटी को एक लंबी किस की ओर ज़ोर से पकड़ कर दबा दिया आंटी ने कहा बहुत टाइम हे हमारे पास दिल खोल के आज तुम्हारी खिदमत करुँगी ओर साथ में वो हँसने लगी आंटी उठी ओर रूम के दरवाजे को अन्दर से बंद कर दिया और मेरे साथ सिंगल बेड पर आ कर लेट गई जहाँ उसने मेरे आने से पहले ही हीटर लगा के  रूम को काफ़ी गर्म किया हुआ था. हम दोनो 1 ही कंबल मे घुस के चिपक के लेटे थे. थोड़ी देर बाद आहिस्ता आहिस्ता मैने आंटी का सलवार ओर ब्रा उतार दी. ओर चूत मे उंगली डाल कर किसिंग शुरु की आंटी ने भी मेरी पेन्ट मे हाथ डाल कर लंड पकड के हिलाना शुरु कर दिया. ओर आंटी ने आहिस्ता आहिस्ता मेरी पेन्ट उतार दी. और चूत मे उंगली डाल कर मे तेज तेज  अन्दर बाहर कर रहा था आंटी इस दोरान 1 बार झड़ चुकी थी. कुछ देर बाद मैने अपनी शर्ट उतार दी अब हम दोनो पूरे नंगे हो गये थे. और सेक्स मे मग्न थे.

इतने मे किसी ने दरवाजे की घन्टी बजाई तो मेरे तो होश ही उड़ गये मे घबरा कर उठ के खडा हो गया आंटी ने कहा कुछ नही हुआ घबरा क्यो रहे हो आंटी उठी ओर दरवाजा खोलने लगी मैने आंटी से कहा पागल हो क्या दरवाजा क्यो खोल रही हो तो उसने कहा आराम से बेठो ओके कुछ नही होगा. जब आंटी ने दरवाजा खोला तो 1 ओर आंटी की उम्र की ओरत अंदर आ गई मे घबरा गया की यह कोंन हे जब देखा तो वो आंटी की छोटी बहन थी जो की हमारे ही मोहल्ले  मे रहती हे. वो अब अंदर आ गई. वो मूझे देख कर कहने लगी क्या हाल हे ठीक हो मे समझ गया की जब यह मेरे साथ इस तरह बात कर रही है तो रात के इस टाइम इस को लगता हे आंटी ने खुद बता कर बुलाया हे शायद इसी काम के लिये. जब मैने पूछा तो पता चला की आंटी का पति घर मे नही हे ओर बच्चे भी अपनी नानी के घर गये हैं आंटी ने कहा की मे अगर तुम्हे पहले बता देती की मेरी बहन चुदवाना चाहती हे तुम से तो शायद तुम आते ना.

मैने आगे से कहा की यह कोन सी बुरा मानने वाली बात हे बल्की मे तो लकी हूँ जो 2-2  चूत  एक  साथ मारूँगा ओर साथ ही दरवाज़ा खुला तो देखा की आंटी की दोस्त जिसका नाम नसरीन हे वो अब आ गई मे इस बार घबरा गया की 1 या 2  तो ठीक हैं अब यह कोंन हे? आंटी ने  कहा की फिक्र ना करो बस आज तुम्हारी खेर नही ओर मे इस बार सच मे घबरा गया की मे केसे इन तीनो को चोदूंगा? खेर मेरा लंड तो एकदम जेसे घबरा कर सो ही गया था खेर आंटी रुबीना की बहन जिसकी गांड का मे पहले से ही दीवाना था क्योकी जब वो हिलती थी तो उसकी गांड में ऐसी हलचल मचती थी की मेरा लंड बेकाबु हो जाता था उसकी गांड देख के ओर आंटी की दोस्त नसरीन उसके बूब्स इतने बड़े थे की शायद ही मेरे दोनों हाथो मे 1 बूब्स आया उसका. खेर अब वो दोनो भी आहिस्ता आहिस्ता नंगी होना शुरु हों गईं. खेर अब आंटी ने कहा की दुसरे रूम मे चलते हैं जहाँ डबल बेड हे मे तो अब तक घबरा रहा था की होगा क्या आज मेरा. दोस्तो यकीन करो उस टाइम मेरी क्या हालत होगी आप अंदाज़ा लगा सकते हो यार...खेर रूम मे जाते ही आंटी रुबीना ने कहा की पहले किसे करवाना हे काम अपना आंटी की बहन  बोली की मे तो तीसरे नंबर पर करुँगी कम से कम थोड़ा टाइम तो लगता हे तीसरे नम्बर पर  ओर साथ में वो हंस दी....खेर आंटी रुबीना ने कहा चलो नसरीन साहिबा जाओ करो जो करना हे.

अब नसरीन आती हे मेरा लंड पकड़ के मुझे चुटकी काट के कहने लगी बड़े लंड के लिये  फिरती रहती हूँ और देखती हूँ की कितना दम हे तुम मे ओर तुम्हारे लंड मे ओर हंस दी. खेर मेरा तो लंड ही खड़ा नही हो रहा था दोस्तो घबराहट की वजह से खेर आंटी रुबीना ओर उसकी बहन पास बेठ कर हमें देखने लगी ओर नसरीन साहिबा ने मेरा लंड हाथ मे पकड़ के हिलाना शुरु किया ओर मुहँ मे डाल लिया ओर ऐसे चुसने लगी जेसे पागल हो गई हे. खेर 5 मिनिट के बाद मेरा जिस्म फिर से गर्म हुआ ओर लंड मे कुछ जान आई ओर कुछ वो खड़ा हुआ खेर मुझे  अब मज़ा आ रहा था खेर मैने सोचा की आंटी रुबीना को तो मे कम से कम 2 या 3 बार चोदता हूँ चलो इस बार 3 चूत हैं 3 बार चुदाई तो करनी हे इसलिये रिलेक्स हो जाओं खेर अब मे आंटी के बोबे पकड़ के दबा रहा था साथ में उसकी खुली चूत मे तेज तेज उंगली कर रहा था.

आंटी रुबीना की बहन ओर उसकी दोस्त भी शादीशुदा थी. खेर मे साथ साथ नसरीन की गांड  मे अब कभी कभी उंगली डाल देता खेर तकरीबन 10 मिनिट के बाद नसरीन ने मेरा लंड चूस के छोड़ा ओर कहा की आ जाओ जानी मारो अब चूत ओर खेर मे अब फुल जोश मे था इतने मे आंटी रुबीना उठ के मेरे पास आ गई ओर मेरा लंड हाथ मे पकड़ कर हिलाने लगी ओर मेरे  कान मे प्यार से कहा मेरी कसम मूझे शर्मिंदा ना करवाना इसकी चूत ऐसे मारो जेसे मेरी मारते  हो. मे समझ गया की आंटी अपनी ओर मेरी स्टोरी सुना चुकी ही इनको. खेर मैने नसरीन की गांड के नीचे तकिया लगा दिया ओर अब उसकी चूत उभर के मेरे लंड के सामने थी मैने उसकी टाँगें उठा कर हवा मे सीधी उपर की तरफ करके खोल कर पकड लीं ओर लंड को उसके हाथ  मे पकड़ा कर कहा रखो अपनी गर्म चूत पर अब मे बताता हूँ तुम्हारी बारी आई चूत मरवाने की  खेर उसने मेरा 6.5 इंच लंबा लंड को थूक लगा कर चूत के छेद पर रखा ओर मैने साथ ही जोर से डाल दिया अपना लंड उसकी चूत मे मेरा आधा लंड उसकी चूत मे था. जब मैने आंटी रुबीना  ओर उसकी बहन को देखा तो वो दोनो एक दुसरे की चूत मे उंगली डाल रही थी. यह देख कर  मे ओर भी गर्म हो गया ओर उधर तेज तेज नसरीन की चूत मे लंड आर पार करने लगा ओर नीचे से वो भी साथ दे रही थी. 

मे कभी कभी पूरा लंड बाहर निकाल कर एकदम से लंड फिर अंदर डाल देता जिससे नसरीन हिल जाती थी. खेर मेरा लंड उसकी चूत की चुदाई कर रहा था. और नसरीन के बोबो को मुँह मे डाल कर साथ में चूस रहा था जिससे वो ओर भी गर्म हो चुकी थी ओर गांड उठा उठा कर मरवा रही थी. खेर तकरीबन 8 मिनिट तक मैने उसकी ऐसी चूत मारी उसके बाद मैने उसे उल्टा होने को कहा ओर वो घोड़ी बन गई ओर मैने पीछे से उसकी टांगे पकड़ कर ओर खोल दी ताकि उसकी चूत बिल्कुल साफ मेरे लंड के सामने खुल के नज़र आये.खेर मैने एक उंगली उसकी गांड मे डाल दी ओर लंड डाल दिया उसकी चूत मे अब मे नीचे से उसकी चूत मे लंड तेज तेज अंदर बाहर कर रहा था ओर साथ में उसके बोबे पकड कर तेज तेज फुल जोश मे दबा रहा था ओर वो बार बार कह रही थी आहिस्ता दबाओ प्लीज लेकिन मे उससे कह रहा था बहुत शोक था चुदवाने का तो अब आराम से चुदवाओ ओके. रूम मे पचक पचक की आवाज़ें आ रही थी. उधर अब तक कई बार आंटी रुबीना ओर उसकी बहन एक दुसरे की चूत चूस चूस कर झड़ चुकी थी.

मेरा लंड अभी तक फुल जोश मे था ओर नसरीन 2 बार झड़ चुकी थी अब उसकी चूत की यह हालत थी की वो थोड़ी गीली हो कर मेरे लंड को दबा रही थी अंदर से खेर. इससे मूझे ओर भी जोश आ रहा था. साथ साथ मे नसरीन से सेक्सी ओर गंदी गंदी बातें पूछ रहा था खेर नसरीन ने बताया की उसके पति का लंड भी मेरी साइज़ का ही लेकिन उसका मोटा नही हे इतना इसलिये तुम्हारा लंड डलवा कर मज़ा आ रहा हे बहुत रुबीना सही कहती थी की तुम से चुदवाऊ किसी दिन अब तो तुम्ही से बोलती रहूँगी आ जाओंगे ना मैने कहा यह भी पूछने की बात हे जनाब जब कहो मे हाज़िर हो जाऊँगा. इतने मे रुबीना ने अंदर से पूरी ताक़त से लंड को ओर ज़ोर से दबा लिया ओर मे एकदम ढीला पड़ गया मूझे बहुत मज़ा आ रहा था उसने अपनी चूत को टाइट कर शायद कुछ सेकेंड ऐसे ही रखी फिर दोबारा उसकी चूत ढीली पड़ी तो मैने अपनी चुदाई फुल तेज कर दी अब मे भी झड़ने वाला था. मे अब पूरी तेज स्पीड से उसकी गीली चूत मार रहा था ओर वो सच मे अब दर्द फील कर रही थी कुछ देर बाद मैने उसके बोबे ज़ोर से पकड़ कर लंड पूरा बाहर निकाल कर अंदर डालना चालु किया जिससे वो ओर भी चीखने लगी खेर तकरीबन 1 मिनिट बाद मे झड़ने वाला था ओर मैने कहा निकाल दूँ क्या चूत मे उसने कहा की नही प्लीज बाहर निकालो मेने जल्दी से लंड बाहर निकाला ओर उसने लंड मुँह मे ले कर चूसना शुरु किया.

दोस्तो यकीन करो नसरीन पूरा खा गई मेरे लंड को ओर मे एकदम ढीला पड़ कर उसके उपर ही गिर गया ओर मेरी उस टाइम यह हालत थी की मूझे इतनी सर्दी के मोसम मे गर्मी फील हो रही थी. खेर नसरीन से आंटी रुबीना ने मज़ाक से पंजाबी मे पूछा सुनो आराम आया ..हाहहहाः ओर नसरीन ने आगे से कहा ज़लील कमिनी मेरी चूत दी चटनी बन गई व सत्या नाश हो गया वे मेरी चूत दा ओर साथ मे उसने कहा की वेसे लंड ही कमाल दा...खेर इतने मे नसरीन उठी ओर बाथरूम मे जाने के लिये कपड़े पहनने लगी ओर मे अभी तक नंगा लेटा हुआ था इस टाइम रात के 12:45 का टाइम हो रहा था. कुछ देर बाद आंटी रुबीना उठी ओर मेरे लिये गर्म गर्म दूध का ग्लास ले कर आई ओर साथ 1 सेब भी. ओर साथ में वो हंस के बोली की अभी एक शान्त हुई हे 2 बाकी हैं. ओर हंस दी. मैने कहा की रुबीना जानू वेसे जो तेरा मज़ा हे ना कसम से नसरीन का नही आया रुबीना आंटी ने कहा चल कोई बात नही मे तो यहाँ ही हूँ तुम्हारे पास लेकिन आज इनको शान्त प्लीज़ कर दो बस बेशक अगर मेरी आज चूत ना भी ली गई तुम से तो कोई बात नही बस अब मेरी बहन को शान्त कर देना.

फिर इस बार मैने आगे से कहा की मूझे उसकी गांड बड़ी पसंद हे यार सच्ची तो इस पर आंटी ने मूझे गाल पर आहिस्ता से मज़ाक से थप्पड़ मारते हुये कहा बकवास ना कर उस को मना लेना ओर फिर बेशक चूत के साथ 10 बार गांड मार लेना उसकी. कुछ देर बाद दोस्तो आंटी रुबीना की बहन अब मेरे पास आ कर लेट गई ओर मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता हिलाने लगी अब उसने मेरा लंड भी मुँह मे लेकर खड़ा करना स्टार्ट कर दिया आगे क्या हुआ वो मे अगली स्टोरी मे बताऊँगा तब तक आप सब दोस्त अपने लंड की गर्मी मूठ मार कर उतार लो ओर जो आंटी ओर लड़कियां अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी हैं वो भी किसी ना किसी से चूत मरा के या चूत मे कोई चीज़ खुद डाल कर अपनी चूत की गर्मी ठंडी कर लें तब तक मे आप के लिये इस स्टोरी का अगला पार्ट लेकर आता हूँ उम्मीद करता हूँ आप को मेरी यह स्टोरी पसन्द आई होगी. मुझे कमेन्ट देना भूलना मत दोस्तों . . .


धन्यवाद